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फडणवीस का एलान - महाराष्ट्र में बनेगा साइबर इंटेलिजेंस यूनिट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में ऑनलाइन अपराध पर नियंत्रण के लिए साइबर इंटेलिजेंस (खुफिया) यूनिट स्थापित की जाएगी। विधान परिषद में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह आश्वासन दिया। सोमवार को सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से शिवसेना सदस्य मनीषा कायंदे ने ऑनलाइन साइबर अपराध बढ़ने का मुद्दा उठाया था। इस बीच भाजपा सदस्य राजहंस सिंह ने साइबर इंटेलिजेंस यूनिट स्थापित करने के बारे में सवाल पूछा।
इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सभी प्रकार की इंटेलिजेंस यूनिट है। लेकिन साइबर इंटेलिजेंस यूनिट नहीं है। फिलहाल चार से पांच कर्मचारी अलग-अलग वेबसाइट और सोशल मीडिया की ट्रैकिंग अच्छे से करते हैं। लेकिन साइबर इंटेलिजेंस यूनिट की राज्य में जरूरत है। क्योंकि अब ऑनलाइन धोखाधड़ी बढ़ रही है। आने वाले दिनों में सड़कों पर होने वाले अपराध कम होंगे। जबकि वाइट कॉलर अपराध और साइबर अपराध बढ़ेंगे। इसलिए राज्य में साइबर इंटेलिजेंस यूनिट स्थापित की जाएगी। इस बीच उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार साइबर यूनिट को मजबूत करने के लिए कर्मचारियों का आउट सोर्सिंग करेगी। क्योंकि तकनीक लगातार बदलती रहती है।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आउटसोर्सिंग का मतलब निजीकरण करना नहीं है। आउट सोर्सिंग के जरिए साइबर सुरक्षा से जुड़ी कंपनियों की केवल अत्याधुनिक से वाली जाएगी। डेटा की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
लोन एप के खिलाफ हो रही कार्रवाई
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अलग-अलग प्रकार के लोन एप के माध्यम से लोगों को फंसाया जाता है। इसके मद्देनजर राज्य के साइबर यूनिट ने साइबर वॉच यूनिट तैयार किया है। साइबर वॉच यूनिट ने कई लोन एप को खोजकर कार्रवाई की है। कई एप नेपाल से चलाए जाते हैं। चीन के कई लोन एप का कॉलसेंटर नेपाल में है। इसको को देखते हुए केंद्र सरकार को अवगत कराया गया है। इसके अलावा नेपाल के डीआईजी से भी संपर्क किया गया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गलत तरीके से लोगों को लोन एप डाउनलोड करने के लिए आकर्षित किया जाता है। धोखाधड़ी से लिए गए पैसे को वॉलेट में ट्रांसफर किया जाता है। साइबर सेल के जरिए वॉलेट में जाने वाले पैसों को रोकने की कोशिश की जा रही है। एक सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैट्रिमोनियल साइट (वैवाहिक वेबसाईट) पर गलत जानकारी देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एकतंत्र विकसित किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पायरेसी को रोकने के लिए सरकार साइबर यूनिट के अफसरों को उचित निर्देश देगी।
इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने कहा कि साइबर अपराध के बारे में सोशल मीडिया सहित दूसरे मंचों पर जनजागृति करने के निर्देश दिए गए हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौर में साइबर अपराध में प्रंचड बढ़ोतरी हुई है। इसलिए सरकार के सामने साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए बड़ी चुनौती है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि भारत में हर 3 सेकंड में एक साइबर हमला होता है। इस दौरान कांग्रेस के सतेज पाटील ने कहा कि सायबर अपराधों के मामले में महाराष्ट् पहले क्रमांक पर है। देश होने वाले कुछ सायबर अपराधों में से 18 फीसदी सायबर अपराध यहीं पर होते हैं।
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Created On :   22 Aug 2022 9:28 PM IST