- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग पर...
गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ा विपक्ष, फडणवीस बोले सत्य से दूर जा रहे हैं शरद पवार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमवीरसिंह के मामले को लेकर विपक्ष आक्रामक रुख अपनाते हुए गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग पर अड़ा है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि परमवीरसिंह अकेले अधिकारी नहीं है जिन्होंने मुख्यमंत्री से गृहमंत्री की शिकायत की। इससे पहले पुलिस महासंचालक पद पर रहते हुए सुबोध जायसवाल ने इसी तरह की शिकायत की थी। गृह विभाग में ट्रांसपोर्ट रैकेट, एक्सचेंज व दलाली की पूरी कार्यप्रणाली के साथ रिपोर्ट मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को दी थी। लेकिन मुख्यमंत्री ने उस रिपोर्ट की प्राथमिक जांच तक नहीं करायी। परिणाम यह हुआ कि तत्कालीन पुलिस महासंचालक सुबोध जायसवाल व उन्हें शिकायतों के सबूत देने वाली इंटेलिजेंस विभाग की तत्कालीन आयुक्त रश्मि शुक्ला काे प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार की सेवा में जाना पड़ा। रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में फडणवीस दावा किया कि जायसवाल ने मुख्यमंत्री को दी रिपोर्ट में जिन पुलिस वालों को लेकर भ्रष्टाचार का जिक्र किया था उन्हें उसी स्थान पर नियुक्त किया गया जहां उन्होंने नियुक्ति मांगी थी। फड़णवीस ने यह भी कहा कि गृहविभाग को लेकर सरकार में जवाबदारी तय होना चाहिए। विधानसभा में जिस तरह से गृहविभाग से संबंधित सवालों पर परिवहन मंत्री अनिल परब बचाव में आगे रहते थे उससे लगता है कि यह विभाग तो शिवसेना के पास है। महाराष्ट्र इंटेलिजेंस विभाग ने कुछ फोन काल सर्विलांस पर रखकर सबूत जुटाएं हैं। जायसवाल ने मुख्यमंत्री को दी वह रिपोर्ट अब भी सरकार के पास है। परमवीर का पत्र भाजपा ने तैयार करने के सवाल पर फडणवीस ने कहा कि ऐसा पूछनेवाले पहले यह बताए कि सचिन वाघे की स्क्रीप्ट शिवसेना ने तो नहीं लिखी थी। पत्रकार वार्ता में महापौर दयाशंकर तिवारी, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, विधायक कृष्णा खोपडे,विप सदस्य गिरीश व्यास , भाजपा के शहर अध्यक्ष प्रवीण दटके उपस्थित थे।
पवार के बयान पर फडणवीस के सवाल
- शरद पवार ने पत्रकार वार्ता में अर्ध सत्य बोला है। वे सरकार के निर्माता है। स्वाभाविक है वे बचाव की भूमिका में है। लेकिन विंडो ड्रेसिंग ठीक नहीं है। पवार ने ही कहा था कि परमवीर प्रकरण गंभीर है। फिर गृहमंत्री को हटाते क्यों नहीं है।
- परमवीर के बारे में कह रहे है कि बदली हुई तो आरोप लगा रहे हैं। जायसवाल व शुक्ला की तो बदली नहीं हुई थी।
-सचिन वाझे को सेवा में बहाल करने का निर्णय परमवीर के नेतृत्व की समिति नहीं लिया था। पर राज्य सरकार ने उसे महत्वपूर्ण पद पर क्यों नियुक्त होने दिया।
-पूर्व पुलिस महासंचालक जुलियस रिबेरो से इस प्रकरण की जांच कराना अनुचित नहीं पर गृहमंत्री पद पर रहते किसी शख्स की जांच पूर्व पुलिस महासंचालक करें यह कितना उचित है।
-परमवीर के पत्र में जिक्र है कि उन्होंने मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को भी जानकारी दी थी। इस मामले में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं।
-सचिन वाझे की गाड़ियों के इस्तेमाल करनेवालों के नाम क्यों सामने नहीं आ रहे हैं।
उधर गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग को लेकर रविवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुंबई में जगह जगह प्रदर्शन किया।
Created On :   21 March 2021 7:02 PM IST