नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले का सरगना सिटी अस्पताल का संचालक सरबजीत मोखा गिरफ्तार 

Sarabjit Mokha, director of City Hospital, the leader of fake Remedesivir injection case arrested
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले का सरगना सिटी अस्पताल का संचालक सरबजीत मोखा गिरफ्तार 
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले का सरगना सिटी अस्पताल का संचालक सरबजीत मोखा गिरफ्तार 

डिजिटल डेस्क जबलपुर । नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने बेचने वाने मामले का सरगना सिटी अस्पताल का संचालक सरबजीत मोखा गिरफ्तारी से बचने ड्रामाबाजी  करता रहा । हार्ट अटैक का बहाना कर खुद के अस्पताल में भर्ती यह शातिर आरोपी , एफआईआर दर्ज होते ही फरार हो गया था इसके बाद शाम को  प्रकट हुआ और खुद को कोविड संक्रमित बता कर अपने ही अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हो गया। अस्पताल के बाहर पहरा दे रहे पुलिस ने रैपिड रिपोर्ट निगेटिव आते ही उसे आज सुबह गिरफ्तार कर लिया । सिविल लाइंस थाने लाकर उससे पूछताछ की जा रही है।
इससे पहले प्राप्त खबरों के अनुसार नकली इंजेक्शन बेचने के मामले में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा व अन्य के खिलाफ रविवार की देर रात गैर इरादतन हत्या सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसकी भनक लगते ही मोखा सिटी अस्पताल में भर्ती हो गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार गिरफ्तारी के डर से मोखा ने खुद को कोरोना पॉजिटिव बताते हुए भर्ती हो गया है। उधर ओमती पुलिस ने अस्पताल में पहरा बैठा दिया और चिकित्सकीय परीक्षण उपरांत गिरफ्तारी की जाएगी। वहीं इस पूरे प्रकरण की अहम कड़ी अस्पताल कर्मी देवेश चौरसिया से पूछताछ के बाद उसे कोर्ट में पेश किया वहाँ से उसे जेल भेजा गया है। इसके पूर्व मामला दर्ज किए जाने के बाद देर रात ओमती सीएसपी आरडी भारद्वाज के नेतृत्व में करीब पाँच टीआई पुलिस बल के साथ मोखा की गिरफ्तारी के लिए मोखा के सिविल लाइन क्षेत्र स्थित निवास व अस्पताल में छापा मारा था लेकिन वह नहीं मिला। उसकी गिरफ्तारी में जुटी पुलिस टीम को सोमवार की  शाम को मोखा के सिटी अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी लगी थी। उसके बाद ओमती पुलिस की टीम अस्पताल पहुँची थी। अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा बताया गया कि मोखा को हार्ट संबंधी परेशानी है और कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जिसके चलते उन्हें आईसीयू में रखा गया है। इस जानकारी के बाद आईसीयू के बाहर पुलिस गार्ड की तैनाती की गयी है।
नष्ट कर दिए गये इंजेक्शन 7 पुलिस के अनुसार अस्पताल कर्मियों से की गयी पूछताछ में उनके द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन नकली होने की खबर लगने के बाद इंजेक्शनों को फेंक दिया जाना बताया गया लेकिन पुलिस द्वारा कर्मचारियों के बयान के आधार पर उन स्थानों पर जाँच पड़ताल की लेकिन एक भी इंजेक्शन नहीं मिला है। 
संभाग के पाँच जिलों में एसआईटी 
 उधर इस मामले के तूल पकडऩे के बाद आईजी भगवत सिंह चौहान ने ऑक्सीजन व दवाओं की कालाबाजारी को रोकने के लिए एसआईटी बनाने के निर्देश जबलपुर, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा आदि जिलों के एसपी को दिए हैं। इस संबंध में दिशा निर्देश भी जारी किए गये हैं।
आज हो सकती है चिकित्सकीय जाँच
जानकारों के अनुसार गिरफ्तारी से बचने के लिए मोखा द्वारा अस्पताल में भर्ती होने का नाटक किया गया है, इस स्थिति के मद्देनजर बीमारियों का पता लगाने  सीएमएचओ के नेतृत्व में चिकित्सकों की एक टीम 
द्वारा संभवत: आज मोखा की जाँच की जाएगी। 
फर्जी बिल देखकर साधी चुप्पी 
पुलिस जाँच में इस बात का खुलासा हुआ है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप के साथ जो बिल भेजा गया था वह फर्जी था। इस बात की जानकारी सिटी अस्पताल में दवाओं का काम देखने वाले कर्मी देवेश ने मोखा को दी थी। बिल फर्जी होने की जानकारी लगने के बाद मोखा ने चुप्पी साध ली और नकली इंजेक्शन मरीजों को लगाए गये। वहीं इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद फर्जी बिल गायब कर दिए गये। 
इनका कहना है
नकली इंजेक्शन मामले के आरोपी सिटी अस्पताल के संचालक मोखा को कोरोना पॉजीटिव होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ पुलिस का पहरा लगा दिया गया है। 
सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी जबलपुर 

Created On :   11 May 2021 2:13 PM IST

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