फर्जी टीकाकरण : इंजेक्शन में भरा था सलाईन वॉटर, मुंबई में लगाए गए थे 11 शिविर 

Fake vaccination: Saline water was filled in injection, 11 camps were set up in Mumbai
फर्जी टीकाकरण : इंजेक्शन में भरा था सलाईन वॉटर, मुंबई में लगाए गए थे 11 शिविर 
फर्जी टीकाकरण : इंजेक्शन में भरा था सलाईन वॉटर, मुंबई में लगाए गए थे 11 शिविर 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर में हुए फर्जी टीकाकरण कैंप में लोगों को टीके के नाम पर सालाईन वॉटर लगाया गया था। एक आरोपी ने पूछताछ में इसका खुलासा किया है। आरोपियों ने कांदिवली के चारकोप इलाके में स्थित शिवम अस्पताल से कुछ खाली हो चुकी और कुछ भरी हुई कोविशील्ड टीके की शीशियां हासिल की। कुछ लोगों को असली वैक्सीन लगाई गई जबकि कुछ को खाली शीशियों में भरा सलाईन वॉटर लगा दिया गया। मामले में शिकायत करने वाले कुछ लोगों ने ग्लूकोज लगाने की बात भी कही है। हालांकि पुलिस को अब भी पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं कि लोगों को असल में टीके के नाम पर क्या लगाया गया है। पुलिस ने शिवम अस्पताल चलाने वाले डॉक्टर दंपति शिवराज और नीता पटारिया को गिरफ्तार कर लिया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त विश्वास नागरे पाटील ने बताया कि मामले की जांच के लिए डीसीपी विशाल ठाकुर की अगुआई में विशेष जांच टीम गठित की गई है। अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने मुंबई में कुल 11 फर्जी कोविड टीकाकरण कैंप लगाए थे। मामले में अब तक सात एफआईआर दर्ज कर 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के खिलाफ गैरइरादतन हत्या के आरोप में भी संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। महानगर में नौ कैंप महेंद्र प्रताप सिंह नाम के आरोपी की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के जरिए आयोजित किए गए थे। वहीं डॉ मनीष त्रिपाठी नाम के डेंटिस्ट की भी इस फर्जीवाडे में अहम भूमिका है। उसने अपने नर्सिंग होम में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को टीके लगाने का प्रशिक्षण दिया। सलाईन वॉटर लगाने के कोई दुष्परिणाम तो नहीं होंगे इसकी जांच के लिए आरोपियों में से मोहम्मद करीम अकबर अली को पहले यह इंजेक्शन लगाकर जांच की गई थी। पाटील ने बताया कि त्रिपाठी की तलाश की जा रही है। पुलिस ने सिंह और त्रिपाठी के बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं जिनमें 12 लाख 40 हजार रुपए मौजूद हैं। 

जांच में यह भी पता चला कि शिवम अस्पताल को कोविशील्ड की 17 हजार 100 खुराक मिले थे और इनमें से 16 हजार 800 खुराक लोगों को लगाए जाने की जानकारी ऑनलाइन डेटा में मौजूद है। मामले में राजेश पांडे समेत कुछ और आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है। बता दें कि इन फर्जी कैंपों में 2 हजार से ज्यादा लोगों को टीके लगाए गए थे। पूरे मामले का खुलासा तब हुआ था जब कांदिवली स्थित हीरानंदानी हेरिटेज सोसायटी में 390 लोगों को टीके लगने के बाद आमतौर पर होने वाली बुखार, बदनदर्द जैसी कोई परेशानी नहीं हुई और उन्हें दूसरे अस्पतालों के नाम पर सर्टिफिकेट दिए गए। 

इनकी हुई है गिरफ्तारी

महेंद्र प्रताप सिंह, चंदन गुप्ता, संजय गुप्ता, नितिन मोंडे, मोहम्मद करीब अकबर अली, गुड़िया यादव, शिवराज पटारिया, नीता पटारिया, श्रीकांत माने, सीमा अहूजा। 

Created On :   25 Jun 2021 9:35 PM IST

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