नौकरी की छोड़ साल भर में शिमला-खीरा से 5 लाख रुपये की आय

Farmer arun patel success story earn five lakh profit by selling cucumbers and peppers
नौकरी की छोड़ साल भर में शिमला-खीरा से 5 लाख रुपये की आय
नौकरी की छोड़ साल भर में शिमला-खीरा से 5 लाख रुपये की आय

डिजिटल डेस्क, कटनी। समाजशास्त्र और दर्शनशास्त्र के चासनी ने किसान दंपत्ति के जीवन में वह आर्थिक मिठास घोली कि ग्रामीण इसे ही अपना पेशा बना लिया। आज वह खुद ही दस से पंद्रह लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहा है। विजयराघवगढ़ जनपद क्षेत्र के गोइंद्रा का युवा किसान अरुण पटेल और उनकी पत्नी रश्मि पटेल उन्नत खेती के लिए दूसरों की प्रेरणा बने हुए हैं। एक एकड़ के नेट हाउस में शिमला और खीरा की खेती कर साल भर में शुद्ध पांच लाख रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं। शुरुआती दौर में कई तरह की दिक्कतें भी आईं। लेकिन ये दिक्कतें किसान को कमजोर नहीं कर सकी, बल्कि उन परेशानियों ने किसान को और अधिक मजबूत बनाया।

सोच से बदला जीवन
जबलपुर जैसे महानगर में समाजशास्त्र की अच्छे अंक से मास्टर डिग्री लेकर युवा अरुण ने तो पहले नौकरी की। साथ में वे इस बात का भी सपना पाले रहे कि वे कुछ ऐसा करें, जिससे उनके साथ अन्य लोगों का भी सामाजिक कल्याण हो सके। इसके लिए पत्नी रश्मि पटेल जो दर्शनशास्त्र में एमए है, उनके साथ उन्नत खेती करने का सपना संजोते हुए गांव शिफ्ट हुए। शुरुआती दौर में खेती-किसानी को समझने के लिए पारंपरिक खेती ही किए। फिर जैसे ही इनका आत्मविश्वास बढ़ा। इन्होंने उद्यानिकी विभाग की मदद से शेड नेट हाउस लगवाया।

मार्केट ने भी दिया साथ
खेत में शिमला और खीरा लगाने के बाद इसे मार्केट में उतारने की तैयारी के लिए किसान अरुण पटेल जिले की ही सब्जी मण्डी में व्यापारियों से संपर्क किए। साथ ही अन्य महानगरों में भी जाकर सब्जी बाजार की स्थिति देखे। जिसके बाद इन्होंने पाया कि जितनी मात्रा में वे शिमला और खीरा का उत्पादन कर रहे हैं। उसे लेने के लिए जिले का सब्जी मण्डी ही पर्याप्त है। फसलों की गुणवत्ता को लेकर उन्होंने किसी तरह से समझौता नहीं किया।

किसान ने कहा सकारात्मक सोच
किसान अरुण पटेल ने कहा कि किसी काम करने के लिए आपकी सकारात्मक सोच ही जीवन में बदलाव ला सकती है। कोई नया काम करने के बीच में परेशानी जरुर आती है। लेकिन उससे निपटा जा सकता है। पारंपरिक खेती से अलग करने का मन बनाते हुए इन्होंने क्षेत्रीय उद्यानिकी अधिकारी टी.एन.तिवारी से संपर्क किया। अधिकारी ने भी किसान का साथ दिया, दो दिन के अंतराल में ही आवेदन जमा हो गया, और शेड नेट हाउस की सामग्री भी खेत में भेज दी गई।
 

कम लागत में अधिक मुनाफा
किसान अरुण पटेल बताते हैं कि उन्नत खेती के कारण कम मुनाफे में ही अधिक आय प्राप्त हो रही है। छह-छह माह के अंतराल में यह फसल तैयार होती है। एक फसल में तीस से चालीस हजार रुपए की लागत लगती है।

Created On :   29 July 2019 8:20 AM GMT

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