कृषक प्रशिक्षण केन्द्र में मिले मार्गदर्शन से किसान नारायणसिंह की आय में वृद्धि हुई (सफलता की कहानी)!

Farmer Narayan Singhs income increased due to the guidance received in the Farmers Training Center (success story)!
कृषक प्रशिक्षण केन्द्र में मिले मार्गदर्शन से किसान नारायणसिंह की आय में वृद्धि हुई (सफलता की कहानी)!
सफलता की कहानी कृषक प्रशिक्षण केन्द्र में मिले मार्गदर्शन से किसान नारायणसिंह की आय में वृद्धि हुई (सफलता की कहानी)!

डिजिटल डेस्क | उज्जैन विकास खण्ड के ग्राम खजुरिया रेहवारी में रहने वाले कृषक नारायणसिंह पिता बालूसिंह के पास 3.4 हेक्टेयर कृषि भूमि है। इतनी भूमि होने के बावजूद उन्हें कृषि में कोई विशेष आमदनी प्राप्त नहीं हो रही थी। जब नारायणसिंह ने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने नारायणसिंह को कृषक प्रशिक्षण केन्द्र उज्जैन में तीन दिनों के प्रशिक्षण के लिये भेजा। यहां मिले मार्गदर्शन से उन्होंने एक हेक्टेयर में गहरी जुताई करवाई और उसमें वर्मी कम्पोस्ट एवं गोबर की खाद डालकर सोयाबीन रेज्डबेड पद्धति से लगाई।

उन्हें पहली बार में ही चार क्विंटल प्रतिबीघा के मान से एक हेक्टेयर में कुल 20 क्विंटल का उत्पादन प्राप्त हुआ, जबकि बीते सालों में केवल 10 से 12.50 क्विंटल तक ही एक हेक्टेयर में मिल पाता था। इस नई तकनीक से न सिर्फ नारायणसिंह को विशेष फायदा हुआ, बल्कि अत्यधिक वर्षा से उनके खेत में एक बूंद भी पानी नहीं रूका और नाली के माध्यम से बहकर निकल गया। बीच-बीच में जब वर्षा की खेंच हुई तो उस समय नालियों के माध्यम से पौधों को नमी प्राप्त होती रही। यह देखकर कृषक नारायणसिंह को बहुत अच्छा लगा और अप्रत्याशित रूप से लाभ भी मिला।

इसके अलावा उन्होंने खेत में खरपतवार का नियंत्रण मानव श्रम से किया और कीट नियंत्रण के लिये सप्तपर्णी का रस बनाकर गोमूत्र और सड़ी हुई छाछ को मिलाकर एक अन्तराल पर छिड़का, जिससे कीट नियंत्रण भी हुआ और उनकी उपज चमकदार हुई। आमतौर पर पहले कीटनाशक पर उनके द्वारा दो से ढाई हजार रुपये का खर्च आता था, उसकी भी बचत हो गई, जिससे कृषक नारायणसिंह ने लगभग 15 से 25 हजार रुपये की अतिरिक्त कमाई की है।

Created On :   16 Oct 2021 9:32 AM GMT

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