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विदिशा में किसान ने खाया जहर,नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने उठाया सवाल
डिजिटल डेस्क, भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान के राजस्व प्रकरणों को निपटाने के लिए निरंतर अधिकारियों को दी जा रही धमकी का असर कितना है इसका पता उनके खेत और गोदाम वाले जिले विदिशा और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संसदीय क्षेत्र में चल गया। सिंह ने कहा कि आज विदिशा में कलेक्ट्रेट कार्यालय में किसान श्री रमेश दांगी को इसलिए सल्फास खाना पड़ा क्योंकि कई चक्कर लगाने के बाद भी उसकी जमीन का बटान नहीं हो पाया था।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीएम श्री शिवराज सिंह प्रदेश की बुनियादी समस्याओं को लेकर उस समय जागे जब चुनाव का साल नजदीक आने लगा। उन्होंने कहा विदिशा में फर्जी तरीके से ग्राम पुरेनिया के किसान श्री रमेश दांगी की 3 बीघा जमीन का नामांतरण किसी अन्य के नाम पर हो गया, जबकि आज भी यह जमीन उसी के कब्जे में है। उसने शिकायत की कोई कार्रवाई नहीं हुई।
7 सितंबर को रमेश दांगी जब अपने खेत में फसल काटने गया तो जिन लोगों ने जमीन अपने नाम पर करवा ली उन्होंने उसके साथ मारपीट की। वह करारिया थाना गया लेकिन उसे डांटकर भगा दिया और पुलिस ने उसकी रिपोर्ट भी नहीं लिखी। उसी किसान ने शनिवार को विदिशा में कलेक्ट्रेट कार्यालय एस.डी.एम. के सामने सल्फास की गोली खाने को मजबूर हो गया।
किसानों की मौत से दुखी नेता प्रतिपक्ष नहीं मनाएंगे जन्मदिन
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने मंदसौर में किसानों पर हुए गोलीकांड में शहीद हुए किसानों और कर्ज के बोझ तले दबे किसानों द्वारा की गई आत्महत्या के शोक स्वरूप 23 सितंबर को जन्मदिन न मनाने का निर्णय लिया है। नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि हरेक व्यक्ति के जीवन में उसका जन्म दिवस खास दिन होता है। उसके परिवार, मित्र, समाज, समर्थक, शुभचिंतक इस दिन को आत्मीयता के साथ मनाते हैं। सार्वजनिक जीवन में काम करने वाले के लिए यह दिन तब खुशी का होता है जब उसके परिवार मित्र आदि के बीच भी खुशी का माहौल हो। अगर ऐसा नहीं होता तब यह दायित्व होता है कि उसके दु:ख या संकट में शामिल हों।
तबादला आदेश में दीनदयाल की तस्वीर लगाए जाने पर कांग्रेस ने ली गहरी आपत्ति
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने जिला कलेक्टर सतना नरेश पाल द्वारा पत्र क्रमांक 762, दिनांक 8 सितम्बर,17 को जारी एक तबादला आदेश में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर लगाये जाने को घोर आपत्तिजनक बताते हुए कहा है कि वे एक लोकसेवक हैं या भाजपाई विचारधारा के स्वामी भक्त? यदि स्वामी भक्त और सुशिक्षित हैं, तब उन्हें प्रदेश की जनता को इस बात का ज्ञानवर्धन कराना चाहिए कि भारतीय इतिहास के किसी भी कौने में क्या दीनदयाल उपाध्याय का नाम और वजूद मौजूद है, यदि है तो वे बतायें कि दीनदयाल उपाध्याय हैं कौन? कांग्रेस ने कलेक्टर पाल की शिकायत भी कार्मिक मंत्रालय से किए जाने की बात भी कही है।
Created On :   9 Sept 2017 10:17 PM IST