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115 हजार हैक्टेयर में बोबनी, अब सिंचाई का संकट
डिजिटल डेस्क मंडला। अल्प वर्षा के बाद भी अन्नदाता ने रबी फसल की बोवनी की है। सिंचाई के पर्याप्त संसाधन नही होने के बाद भी मंडला में अभी तक एक सौ पंद्रह हजार हैक्टयर में बुबाई की जा चुकी है। लक्ष्य के 92 प्रतिशत रकबा में बोबनी कार्य हो चुका है। 15 जनवरी तक किसान गेंहू की बोवनी करेगें। बांधों में पर्याप्त पानी नहीं होने के कारण किसान की रबी फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे है। इस साल उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है।
जानकारी के मुताबिक रबी सीजन में बोवनी का कार्य अंतिम चरण है। कृषि विभाग ने इस साल एक सौ पच्चीस हजार हैक्टयर में बोबनी का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसमें एक सौ पंद्रह हजार हैक्टयर रकबा में किसानों बोवनी का कार्य कर लिया है। लक्ष्य के 92.05 प्रतिशत बोबनी हो चुकी है। विभाग ने 125.50 हैक्टयर में बोवनी का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसमें गेंहू 40 हजार हैक्टयर, चना 13, मटर 23, मसूर 21.50, अन्य 2.50, राई सरसों 17, अलसी 5.5 ओर गन्ना 3 हजार हैक्टेयर में बोबनी का लक्ष्य बनाया है। चना और अन्य दलहन तिलहन की बोवनी का कार्य अब नहीं होगा। 15 दिसम्बर तक ही चना, मटर मसूर की बोवनी हो सकती थी। अब 15 जनवरी तक गेंहू की बोवनी होगी।
इस साल साल अल्प बारिश के कारण बांधों का जल स्तर काफी कम था, जिले के एक वृहत ओर चार मध्यम बांध में लगभग 50 प्रतिशत ही जल भराव हुआ है। जिसके बाद खरीफ फसल को पानी देना पड़ा है। जिसके चलते रबी फसल पर संकट नजर आ रहा है। बोवनी के बाद फसल को दूसरा पानी मिलना मुश्किल है। जिससे इस बार उत्पादन खासा प्रभावित होगा। इस साल मवाठे की बारिश भी दिसंबर में नहीं हुई है। जिससे फसलों और खाली खेतो को पानी नहीं मिल पाया है। रबी की फसल भगवान भरोसे है।
इतने रकबा में हुई बोवनी
रबी सीजन में किसानों ने सिंचाइ्र की समस्या होने के बाद भी दाव खेला है। रबी फसल की बोवनी 92 प्रतिशत कर चुके है। जिसमें गेंहू 36.10 हजार हैक्टेयर, चना 12.50 हजार हैक्टेयर,मटर 23 हजार हैक्टेयर, मसूर 21 हजार हैक्टेयर, राई सरसो 17 हजार हैक्टेयर, अलसी 5.42 हजार हैक्टेयर और गन्ना 0.50 हैक्टयर में बोया गया है। पिछले साल से लक्ष्य कम रखा गया है। पिछले साल 127.50 हजार हैक्टेयर में लक्ष्य था। इस साल 125.50 हजार हैक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है।
19 हजार हैक्टेयर को दिया पानी
जल संसाधन विभाग ने इस साल रबी सीजन में 20 हजार 283 हजार हेक्टेयर में सिंचाई का लक्ष्य रखा था, जिसमें 19 हजार एक हैक्टेयर में सिंचाइ्र हो चुकी है। विभाग पूरे रकबे को सिंचित करना चाह रहा था, जिससे किसान सिंचाई से वंचित ना रहे। विभाग ने थांवर परियोजना में 11400 हैक्टेयर में लक्ष्य रखा, जिसमें 10248 हैक्टेयर की सिंचाई की गई है। मटियारी में 6 हजार हैक्टेयर के लक्ष्य में 5 हजार 900, धुआंधार जलाशय में 400 हैक्टेयर के लक्ष्य में 448 हैक्टयर, मझगांव में 600 हैक्टयर के लक्ष्य में 604 हैक्टेयर में पानी दिया जा चुका है। इसके अलावा सभी छोटे 70 जलाशय में 1883 हैक्टेयर के लक्ष्य में 1801 हैक्टेयर में सिंचाई की जा चुकी है। विभाग पलेवा और पहला पानी दे रहा है। दूसरे पानी की कम उम्मीद है। बिछिया जलाशय से तो सिंचाई के लिए पानी छोड़ा ही नहीं गया है। यहां बिछिया नगर की प्यास बुझाने के लिए पानी रखा गया है।
Created On :   2 Jan 2018 1:06 PM IST