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APMC के चुनाव में अब किसान भी कर सकेंगे मतदान
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कृषि उत्तपन्न बाजार समिति के चुनावों में अब किसान भी मतदान कर पाएंगे। महाराष्ट्र सरकार के पक्ष में यह फैसला जस्टिस बीपी धर्माधिकारी और स्वपना जोशी की बेंच ने सुनाया। राज्य सरकार ने नागपुर APMC के चुनाव नए कानून के अनुसार करने की अपील कोर्ट में की थी। इस फैसले के अनुसार अब नागपुर APMC के चुनाव नए कानून के हिसाब से होगा तथा APMC से संलग्न किसानों को भी चुनाव में मतदान करने का अवसर मिलेगा।
हाईकोर्ट ने कहा- नए कानून के हिसाब से होगा चुनाव
निर्णय सुनाते हुए उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि 16 जनवरी 2018 का निर्णय राज्य सरकार को कानून के प्रावधानों को लागू करने और इस तरह के कानून के अनुसार आगे बढ़ने से नहीं रोकता है। इस मामले में किसानों की ओर से एड. एमजी भांगडे, एजीपी निवेदिता मेहता, डॉ. आरएस सुंदरम और एडवाेकेट अशोक रघुते ने पैरवी की। उच्च न्यायालय द्वारा 16 जनवरी 2018 को दिए गए आदेश के अनुसार नागपुर APMC के लिए चुनाव की तिथि 31 अगस्त 2017 तय की थी और इस तिथि के आधार पर एक नई मतदाता सूची तैयार कर 31 मार्च 2018 तक चुनावों को पूरा किया जाए। राज्य सरकार के साथ-साथ किसान इस निर्णय से पीड़ित थे। इसलिए उन्होंने समीक्षा अनुप्रयोगों को दर्ज कर उच्च न्यायालय से संपर्क किया।
सरकार ने रखा पक्ष
राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि 11 दिसंबर 2017 को विधानसभा द्वारा पुनर्निर्मित अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई थी, जबकि विधायी परिषद ने 22 दिसंबर 2017 को इसे मंजूरी दी थी। अध्यादेश को 15 जनवरी 2018 को महाराष्ट्र के राज्यपाल की सहमति प्राप्त हुई। इसके बाद 2018 के महाराष्ट्र अधिनियम क्रमांक 13 के संशोधन अधिनियम को 17 जनवरी 2018 को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित किया गया। राज्य सरकार ने तर्क दिया कि इसके बाद अध्यादेश को प्राथमिक कानून में परिवर्तित कर दिया गया।
इस अध्यादेश के अनुसार नागपुर APMC के लिए होने वाले चुनावों में किसानों को भी मतदान का अधिकार मिल गया है। अहमद करीमभाई के वकील ए.एम. घारे और वसंतराव लांडगे के वकील अक्षय नाइक ने समीक्षा याचिका का विरोध किया। उन्होंने न्यायालय से अनुरोध किया कि पुराने कानून के अनुसार चुनाव किए जाने चाहिए।
Created On :   9 Jun 2018 10:39 AM GMT