लाख की खेती बनी 'लाभ का धंधा', किसान को हो रही लाखों की आमदनी

Farmers earn millions of rupees by cultivating Lac in gadchiroli
लाख की खेती बनी 'लाभ का धंधा', किसान को हो रही लाखों की आमदनी
लाख की खेती बनी 'लाभ का धंधा', किसान को हो रही लाखों की आमदनी

डिजिटल डेस्क,गढ़चिरोली। अतिदुर्गम व पिछड़े गढ़चिरोली में भले ही रोजगार के साधन उपलब्ध न हो, लेकिन यहां प्रकृति का वरदान इस तरह है कि यहां लोग कभी भूखे नहीं रहते। पारंपारिक धान की खेती जिन किसानों को तंगी से उबार नहीं सकी है। वहीं लाख की खेती क्षेत्र के किसानों को उन्नत बना रही है।  किसानों ने सेमियालता लाख की खेती कर प्रतिवर्ष प्रति एकड़ कम से कम 2 लाख रुपए आय तक कमाया है। 

गौरतलब है कि पिछले साल सामाजिक कार्यकर्ता सुखरंजन उसेंडी ने अपने सहयोगियों के साथ जिले के आदिवासी व किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहल करते हुए धानोरा तहसील में खरीफ में एडसगोंदी, घोडे़झरी, मुरांडा, पवनी तथा कनेरी इन पांच गांवों में प्रत्येक को एक एकड़ में प्रायोगिक तौर पर सेमियालता लाख की पैदावार शुरू की। सेमियालता लाख औषधीय उत्पादन है। इससे प्रमुखता से एल्युरिटिक एसिड और लाख निकलती है। इस कच्चे माल की खुदरा बाजार कीमत 400 से 500 रुपए प्रति किलो है। इस पर वैल्यू एडिशन कर निर्मित लाख 2000 रुपए प्रतिकिलो तो एल्युरिटिक एसिड 5 हजार रूपए प्रति किलो बिकता है। सेमियालता नामक पेड़ पर लाख निर्माण करने वाले किट छोड़ने पर उन कीटों के लारवा से लाख बनती है। फलस्वरूप इसे सेमियालता लाख कहते हैं।

जुलाई में बरसात के बाद फरवरी तक सेमियालता का पौधारोपण किया जा सकता है। पौधा छह माह में करीब 6 फीट के आसपास होता है। तब उस पर लाख के कीट छोड़े जाते है। कीट जब लारवा छोड़कर पेड़ पर चले जाते हैं, तब वह परिपक्व माना जाता है। इसके बाद सेमियालता के पेड़ों की टहनियां छांटकर उसे बेचा जा सकता है। एक बार में डेढ़ मीटर अंतराल पर पौधारोपण करने पर एक एकड़ में 40 हजार पौधे लगते हैं। पहले साल 1 लाख और उसके बाद 10 वर्ष तक 2 लाख रुपए प्रतिवर्ष आय होती है।

400 रुपए समर्थन मूल्य
लाख की फसल को केंद्र सरकार की ओर से 400 रुपए प्रतिकिलो समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। महाराष्ट्र की सरकार इस पर 100 रुपए प्रति किलो बोनस भी देती है। मात्र खुले राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में एक हजार रुपए प्रतिकिलो तक भी दर्जेदार लाख बेची जा सकती है। कीमतों के संदर्भ में लाख की खेती काफी लाभकारी साबित हो सकती है। सेमियालता के पौधों में कई औषधीय गुण है। पौधों पर लाख जब परिपक्व हो जाती है, तब उसकी छंटनी की जाती है। छंटनी में केवल लाख के हिस्से की टहनियां ही बेची जाती है। पौधों के पत्ते और अन्य टहनियां जो जमीन पर गिरती है। वह उस जमीन के लिए जैविक उर्वरकों का कार्य करते हुए बंजर से बंजर जमीन को भी उपजाऊ बना देती है।

Created On :   7 Sept 2017 11:17 AM IST

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