करनाल प्रशासन के साथ किसानों की चौथी बैठक भी बेनतीजा, विरोध प्रदर्शन जारी

Farmers’, Karnal admin 4th meeting inconclusive; protest to continue
करनाल प्रशासन के साथ किसानों की चौथी बैठक भी बेनतीजा, विरोध प्रदर्शन जारी
Farmers meeting करनाल प्रशासन के साथ किसानों की चौथी बैठक भी बेनतीजा, विरोध प्रदर्शन जारी
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  • विरोध प्रदर्शन जारी

डिजिटल डेस्क, करनाल। हरियाणा में करनाल जिले के किसानों और प्रशासन के बीच चौथे दौर की बैठक बुधवार को समाप्त हो गई, जो कि पहले की बैठकों की तरह ही अनिर्णायक रही। बैठक से बाहर आने के बाद किसान नेताओं ने कहा कि प्रशासन ने एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है।

किसान नेताओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक धरना जारी रहेगा। भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि करनाल में समानांतर विरोध चलेगा, लेकिन वे प्रशासन के कामकाज को बाधित नहीं करेंगे।

टिकैत ने कहा, जब तक सरकार आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, तब तक करनाल में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। हालांकि, प्रशासन को दैनिक सेवाओं के लिए काम करने की अनुमति दी जाएगी, ताकि लोग प्रभावित न हों।

उन्होंने कहा कि वे एक या दो दिन बाद बैठक करेंगे और विरोध की रणनीति तय करेंगे। टिकैत ने कहा, हमने प्रशासन से स्पष्ट रूप से कहा है कि हमें (किसानों को) बैठक के लिए तभी आमंत्रित करें जब उन्हें एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उच्च अधिकारियों से निर्देश मिले हों, अन्यथा हमें बैठक के लिए न बुलाएं।

मंगलवार तड़के धरना शुरू होने के बाद से किसान नेताओं और करनाल प्रशासन के बीच यह चौथी बैठक थी।

टिकैत के नेतृत्व में 13 किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक में भाग लिया और एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई और मामले की स्वतंत्र जांच पर जोर दिया।

बैठक में जाने से पहले टिकैत ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर किसानों के आंदोलन को एक जिले (करनाल) तक सीमित रखने की साजिश रचने का आरोप लगाया था।

उन्होंने कहा था, दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा कृषि विरोध प्रदर्शन ही मुख्य केंद्र रहेगा। सरकारें हमें कितना भी दबाने की कोशिश करें, हम करनाल में विरोध प्रदर्शन में ऊर्जा बर्बाद नहीं करेंगे, लेकिन इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करना चाहेंगे।

जिला प्रशासन के साथ चौथे दौर की बातचीत का फैसला बुधवार को किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक में लिया गया। पिछले 24 घंटों में यह चौथी बैठक थी, क्योंकि 28 अगस्त के लाठीचार्ज के विरोध में सैकड़ों किसान धरने पर बैठे हैं। मंगलवार को इसी मुद्दे पर तीन बैठकें हुईं, लेकिन वे सभी बैठकें बेनतीजा रहीं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस ने विरोध में शामिल होने के लिए आने वाले किसानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। किसान नेता ने कहा, मिनी सचिवालय के सभी प्रवेश बिंदुओं को सील कर दिया गया है। यहां धरने पर बैठे किसानों को पानी, भोजन और अन्य चीजों की आवश्यकता होगी, लेकिन हमें प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। सरकार जितना अधिक किसानों को परेशान करेगी, यह विरोध उतना ही तेज होगा। सरकार को यह समझना चाहिए कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तब तक किसान वहां से नहीं हटेंगे।

आंदोलनकारी किसानों ने कहा कि 24 घंटे से अधिक समय हो गया है और वे आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिन्होंने 28 अगस्त को लाठीचार्ज का आदेश दिया था।

चंडीगढ़ ट्रांसफर किए गए आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अडिग किसानों ने कहा कि जब तक सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, तब तक वे अपना विरोध प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे।

मंगलवार तड़के अनाज मंडी में शुरू हुआ विरोध बुधवार को करनाल स्थित मिनी सचिवालय में स्थानांतरित हो गया।

धरना तेज करने के लिए किसानों ने डीसी कार्यालय के बाहर टेंट लगा रखा है। कुछ किसानों ने कहा कि उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर जिला प्रशासन कार्यालय के सामने धरना बढ़ाया जाएगा।

किसानों ने आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के अलावा घरौंड़ा के किसान सुशील काजल के परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की भी मांग की है, जो लाठीचार्ज में घायल हो गए थे और बाद में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई थी। किसानों ने लाठीचार्ज में घायल हुए सभी लोगों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की है।

 

आईएएनएस

Created On :   8 Sep 2021 6:00 PM GMT

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