पिछड़े और जनजातीय इलाकों के किसानों को ऑनलाइन की बजाय परंपरागत तरीके से मिले फसल नुकसान की राशि

Farmers of backward and tribal areas got the amount of crop loss in traditional way instead of online
पिछड़े और जनजातीय इलाकों के किसानों को ऑनलाइन की बजाय परंपरागत तरीके से मिले फसल नुकसान की राशि
लोकसभा पिछड़े और जनजातीय इलाकों के किसानों को ऑनलाइन की बजाय परंपरागत तरीके से मिले फसल नुकसान की राशि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गड़चिरोली-चिमुर से सांसद अशोक नेते ने लोकसभा में पिछड़े इलाकों के किसानों को ऑनलाइन के बजाय स्थानीय पटवारी, तहसीलदार के माध्यम से केन्द्रीय सहायता मुहैया कराए जाने की मांग उठाई। उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए सदन को बताया कि किसानों की फसलें वर्षा, ओलावृष्टि, सूखे जैसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित होने पर वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे के लिए बीमा कंपनियों को ऑनलाइन शिकायतें दर्ज करते है, लेकिन पिछड़े, दुर्गम और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में गरीब एवं अशिक्षित किसान स्मार्ट मोबाईल, इंटरनेट या अन्य सुविधाओं के माध्यम से शिकायत दर्ज नहीं करा पाते। नतीजतन उन्हें बीमा राशि नहीं मिल पाती है। उन्होंने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र के गरीब आदिवासी किसान केन्द्रीय सहायता की राशि से वंचित रह जा रहे है। इस समस्या के मद्देनजर सरकार से अनुरोध है कि वह देश के विशेष रुप से पिछड़े एवं जनजातीय इलाकों के प्रभावित किसानों को ऑनलाइन के बजाय पूर्व की भांति स्थानीय पटवारी, तहसीलदार के माध्यम से सर्वे करवाकर केन्द्रीय सहायता प्रदत्त किए जाने के लिए समुचित कदम उठाया जाए। 

Created On :   17 March 2022 8:38 PM IST

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