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हाथ आई फसल को चट कर रही इल्लियां
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। खरीफ फसल उत्पादन में गोंदिया तहसील के किसानों को इस वर्ष नुकसान उठाना पड़ रहा है। गत 15 दिनों में खेतांे में लहरा रही धान की फसल को खोड़ किड़ा, मावा, करपा ने अपना शिकार बना लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील के किसानों ने इस वर्ष 39 हजार 357 हेक्टर जमीन पर धान का उत्पादन लिया और फसल अच्छी होने का सपना देखे थे। किसानों के सपने भी खेतों में लहरा रही फसल को देखकर पूरे हो रहे थे। लेकिन सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में हुई बारिश ने किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया। खेतों में लहरा रही फसल को देखते-देखते मावा, खोड़किड़ा ने अपना शिकार बना लिया। किसानों ने अतिरिक्त खर्च कर किसी तरह फसल को बचाने के लिए महंगी कीटनाशकों का छिड़काव खेतों में किया। लेकिन मावा, तुड़तुड़ा, खोड़किड़ा खेत में लहरा रही धान फसल को बर्बाद ही कर रहे हैं। जिससे इस वर्ष उत्पादन 40 प्रतिशत कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है। अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में तेज हवा चलने से खेतों में लगी धान की फसल जमींदोज हो गई। जिस वजह से भी धान के दाने खराब हो रहे हैं। गोंदिया तहसील के सावरी, मुरपार, रावणवाड़ी, चारगांव आदि गांव के किसानों ने मांग की है कि प्रशासन द्वारा इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर नुकसान भरपाई दी जाए।
लागत भी निकलने की उम्मीद नहीं
दिनेश दाऊदसरे, मुरपार निवासी किसान के मुताबिक धान की फसल पर मावा लगने की वजह से 5 एकड़ में लिए गए धान के उत्पादन की लागत भी नहीं निकलेगी। जिसकी वजह से आर्थिक नुकसान होगा। ऐसे में प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान देकर नुकसान भरपाई दी जाए।
बैंक का कर्ज अदा करने की चिंता
राजेश हरिणखेड़े, चारगांव निवासी किसान ने बताया कि बैंक से कर्ज लेकर हमने खरीफ फसल का उत्पादन लिया। फसल भी अच्छी हुई। लेकिन फसल काटने के कुछ दिनों में ही कीटों ने धान के पौधे को अपना निवाला बना लिया। जिस वजह से फसल उत्पादन कम होगा। फसल का मूल्य नहीं मिलने से बैंक से लिया हुआ कर्ज कैसे अदा करेंगे? यह सवाल अब सताने लगा है।
Created On :   13 Oct 2021 8:12 PM IST