एकीकृत बागवानी विकास योजना का किसानों ने लिया लाभ प्याज, भंडारगृह से मिली गारंटी
डिजिटल डेस्क, अकोला. एकीकृत बागवानी विकास योजना के तहत खेर्डा बु. के किसान दिनेश अवचितराव काकड ने प्याज की खेती की है। बाजार की कीमतों उतार-चढ़ाव को देखते हुए वित्तीय नुकसान से बचने के लिए उन्होंने प्याज की फसल का वैज्ञानिक तरीके से भंडारण करने का सोचा। उन्होंने प्याज भंडारगृह अनुदान योजना का लाभ लेकर प्याज सुरक्षित रखने के लिए भंडारगृह निर्माण किया है। वर्ष 2022-23 के लिए उन्हें 86 हजार 83 रुपए की अनुदान राशि प्राप्त हुई। उन्होंने डेढ़ हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज फसल की बुआई की है। प्याज की बाजार कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण कभी-कभी खेती की लागत की गारंटी नहीं दी जा सकती है। ऐसे में फसल को गिरती कीमत पर बेचने से अच्छा है कि उसका भंडारण कर लिया जाए। जिसके लिए उन्होंने अपने खेत में भंडारण गृह निर्माण किया। फसल कटाई के बाद प्रबंधन की जरूरत है। उसके लिए भंडार गृह अति आवश्यक है। किसानों को अपने माल की प्रतवारी करना, छंटाई करना संभव होता है। 25 मेट्रिक टन प्याज का भंडारण इस गृह में किया। उसमें प्याज का भंडार, उसकी प्रतवारी, यातायात के लिए वाहन ले जाने तक जगह उन्होंने तैयार की है। जिससे वाहनो में माल भरना, निकालना आदि कार्य आसानी से किए जा सकते है। उत्पादित प्याज फिलहाल भंडारगृह में रखकर उचित दाम मिलने पर उसकी बिक्री करेंगे। सही दाम मिलने से उनकी आर्थिक आय में इजाफा होगा। यह योजना राष्ट्रीय बागवानी अभियान के रूप चलाई जाती है। मौसम विभाग के अनुसार, क्षेत्रीय उपयुक्तता एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उस क्षेत्र में बागवानी को बढ़ावा दिया जाता है। इसमें अनुसंधान, प्रसार, विस्तार, तकनीकी कटाई, प्रक्रिया व विपणन सुविधाएं प्रदान करके समूह तरीके से विकसित किया जात है।
इसमें किसानों को जोड़ना एक महत्वपूर्ण होता है। जिससे बागवानी उत्पादन में वृद्धि, आय में वृद्धि और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा दिया जाता है। जिला स्तर पर एक जिला स्तरीय समिति है और समिति के माध्यम से योजना के प्रचार-प्रसार और किसानों के चयन किए जाते हैं, ऐसा तहसील कृषि अधिकारी विलास वाशिमकर ने बताया है।
Created On :   4 April 2023 5:58 PM IST