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अधूरे प्रकल्प की जगह पर हो रही खेती, पिंडकेपार मध्यम प्रकल्प बना सफेद हाथी
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. तहसील के पिंडकेपार मध्यम प्रकल्प का काम पिछले 37 वर्षो से पूरा नहीं हो सका। सरकार की लेटलतीफी के कारण ही पिंडकेपार मध्यम प्रकल्प सफेद हाथी साबित हो रहा है। ऐसे में कुछ लोग अतिक्रमण कर जमीन का उपयोग कर रहे हैं, तो कोई खेती कर अपनी आजीविका चला रहे हैं। यहां बता दें कि शहर से लगभग 8 किमी दूरी पर स्थित पिंडकेपार मध्यम प्रकल्प की शुरुआत वर्ष 1983 मंे की गई थी। उस समय इस प्रकल्प की लागत 243 करोड़ रुपए आंकी गई थीं। इस प्रकल्प को पूूरा करने के लिए क्षेत्र की 156 हेक्टेयर जमीन तथा वन विभाग की 34.77 हेक्टेयर जमीन संपादित की गई। लेकिन इस प्रकल्प को 37 वर्ष पूरे होने के बाद भी प्रकल्प का काम ठंडे बस्ते में पड़ गया है। निधि उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रकल्प का अधूरा काम अधूरा ही रह गया है। अब इस प्रकल्प के जमीन पर काेई अतिक्रमण कर रहा हैं तो कुछ परिवार अपनी आजीविका चलाने के लिए खेती कर रहे है। जबकि इस प्रकल्प से गोंदिया शहर को जलापूर्ति तथा क्षेत्र के किसानों की फसलों को सिंचाई उपलब्ध की जानी थी। लेकिन सरकार की लेटलतीफी के कारण यह प्रकल्प 37 वर्ष बाद भी अधूरा पड़ा हुआ है।
Created On :   13 Dec 2022 6:42 PM IST