गेहूं के उपार्जन कार्य की तेज रफ्तार,चनें की खरीदी की सुस्त चाल

Fast pace of procurement work of wheat, slow pace of procurement of gram
गेहूं के उपार्जन कार्य की तेज रफ्तार,चनें की खरीदी की सुस्त चाल
पन्ना गेहूं के उपार्जन कार्य की तेज रफ्तार,चनें की खरीदी की सुस्त चाल

डिजिटल डेस्क, पन्ना। रवि उपार्जन के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा गेहँू, चना, सरसों एवं मसूर के उपार्जन का कार्य जिले में किया जा रहा है। चना, मसूर, सरसों की खरीदी निर्धारित किये गये खरीदी केन्द्रों में २१ मार्च से प्रारंभ कर दी गई थी जिसको लेकर एक माह पूरे हो चुके है। मसूर, सरसों के समर्थन मूल्य से बाजार में अधिक अच्छे दाम किसानों को मिल रहे है जिससे किसान सरसों और मसूर को खरीदी केन्द्रों की जगह बाजार में बेच रहा है और इस वजह से मसूर तथा सरसों की खरीदी जिलें में निरंक है।

वहीं चनें का भाव वर्तमान में समर्थन मूल्य की तुलना में काफी नीचे गिर चुका है इसके बावजूद चनें की खरीदी का कार्य लगभग एक माह पूरा हो जाने के बाद भी कछुआ चाल से चल रहा है। जानकारी के अनुसार जिलें में समर्थन मूल्य चनें की खरीदी का कार्य  २१ मार्च से शुरू हो गया था और आज दिनांक १९ अप्रैल तक जिले में खरीदी को लेकर जानकारी प्राप्त की गई है उसके अनुसार जिले महज १४४७ क्विटल चना ही जिले में खरीदा जा चुका है। चनें की खरीदी धीमी रफ्तार को लेकर जो कारण सामने आ रहा है उसकी वजह तेवड़ा मिश्रित चनें की खरीदी पर प्रतिबंध लगा हुआ है। जिले में चनें को उत्पादन को लेकर स्थिति यह है कि यहां चनें की उत्पादन के साथ उसमें तेवड़ा मिश्रित रहता है।

जिसे पूरी तरह से अलग कर पाना किसानों के मुश्किल भरा काम है और ऐसी स्थिति के चलते किसानों की पैदावार तेवड़ा मिश्रित होने की वजह से खरीदी केन्द्रों मेंं पास नही हो रही है। ऐसे में कई किसान समर्थन मूल्य पर अपने चनें की उपज जमा नही कर पा रहे है। चने की खरीदी की स्थिति कमजोर होने का दूसरा कारण इस बार इस रूप में सामने आया है कि पोर्टल में एक किसान से अधिकतम ४० क्विटल खरीदी की ही इन्ट्री दर्ज हो रही है। बड़े कास्कार किसान जिनका उत्पादन ४० क्विटल से अधिक है वे अपनी पूरी उपज जमा नही कर पा रहे है और ४० क्विटल से जो भी अधिक उपज है उसे बाजार ले जाकर समर्थन मूल्य से काफी कम दर पर किसानों को बेचना पड़ रहा है।

जिले में जहां चनें की खरीदी के कार्य की गति काफी कमजोर है वहीं गेहँू की खरीदी का कार्य जो ०४ अप्रैल से शुरू हुआ था  तेज गति पकड़ चुका है। इस बार किसानों को गेहँू  की उपज जमा करने के लिये पहले स्लाट बुकिंग अनिर्वाय कर दी गई है जिसको लेकर किसानों को समस्यायें आ रही है और इसी वजह से स्लाट बुकिंग की तिथियों को शासन द्वारा बढ़ाया गया है। स्लाट बुंकिंग की तिथि शासन द्वारा बढ़ाकर ३० अप्रैल कर दी गई है चनें की खरीदी के लिये ३० मई की तारीख निर्धारित की गई है वहीं गेहँू की खरीदी का कार्य १५ मई तक किया जाना है। जानकारी के अनुसार समर्थन गेँहू की खरीदी के लिये जिले में कुल ६२ उपार्जन केन्द्र बनाये गये है जिनमें से ५१ खरीदी केन्द्रों में अब तक कुल १लाख २८ हजार ७७३ क्विटल की खरीदी २२३२ किसानों से खरीदी गई है जबकि चनें की जो १४४७ क्विटल खरीदी हुई है वह ७० किसानों से प्राप्त हुई है। गतवर्ष जिलें में १३ लाख ५० हजार क्विटल गेहँू की खरीदी हुई है। 


 

Created On :   20 April 2022 3:53 PM IST

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