- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- वाहन के साथ फास्टैग कार्ड तो मिल...
वाहन के साथ फास्टैग कार्ड तो मिल रहा, लेकिन वॉलेट नंबर नहीं मिलने से परेशानी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। परिवहन विभाग के नए नियम ने वाहन मालिक, चालकों के सामने समस्या खड़ी कर दी है। लोग नियम का पालन करना तो चाहते हैं, लेकिन उसमें आ रही समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। नया नियम फास्टैग लागू किया गया है। नई कार लेने पर अब कार के साथ ही रजिस्टर कर डीलर फास्टैग कार्ड दे रहे हैं। यह कार्ड वॉलेट वाला है। इसमें पैसा खत्म होने के बाद नंबर नहीं रहने से पुन: रीचार्ज करने में समस्या आ रही है। बैंक में भी रीचार्ज के लिए वॉलेट नंबर की मांग की जा रही, लेकिन नंबर की जानकारी वाहन मालिक, चालकों को नहीं दी जा रही। इससे परेशानी खड़ी हो रही है। कार्ड को बैंक से लिंक करने में भी वाहन मालिक संकोच कर रहे हैं।
कैश में देना पड़ रहा टोल
नए नियम के अनुसार नई गाड़ियों के साथ रजिस्टर करके ही फास्टैग कार्ड दिया जा रहा है, लेकिन वाहन मालिकों और चालकों को इसकी पूरी जानकारी नहीं दी जा रही है। शोरूम से फास्टैग वॉलेट कार्ड िदया जा रहा है, जिसमें 400 रुपए का रीचार्ज रहता है। वाहन चालक उस रीचार्ज से 400 रुपए तक का टोल दे सकता है, लेकिन जब उसे वह कार्ड रीचार्ज करना है, तो उसके लिए वॉलेट नंबर उसे पता ही नहीं है। वॉलेट रीचार्ज के लिए संबंधित बैंक में भी संपर्क करने पर सही समाधान नहीं हो रहा। दिल्ली में फास्टैग की एक धोखाधड़ी के कारण वाहन मालिक कार्ड को बैंक से लिंक करने से संकोच कर रहे हैं। ऐसे में वाहन चालक कैश में टोल दे रहे हैं। 1 दिसंबर के बाद से यह समस्या बढ़ने वाली है क्योंकि वाहन मालिकों के पास कोई विकल्प ही नहीं बचेगा।
शोरूम में भी नहीं मिला
मैंने मार्च में गाड़ी ली थी। उसके साथ ही कार्ड आया था। शोरूम वालों ने ही रजिस्टर करके दिया था। उस समय कार्ड में 400 रुपए का रीचार्ज था। 400 रुपए का टोल देने के बाद जब मैं कार्ड के संबंधित बैंक में रीचार्ज कराने गया, तो वहां पर वॉलेट नंबर की मांग की गई। शोरूम से पूछने पर भी वॉलेट नंबर नहीं मिला। अब मैं कैश में ही टोल दे रहा हूं, लेकिन 1 दिसंबर के बाद क्या करना है, वह जानकारी भी नहीं है। बैंक से लिंक करवाने में भी जोखिम है, क्योंकि दिल्ली की एक घटना की जानकारी मुझे है, जिसमें पंजाब की गाड़ियों का टोल दिल्ली के दूसरे व्यक्ति के बैंक से कट रहे थे।-- एस. के. शर्मा, वाहन मालिक
Created On :   26 Nov 2019 11:53 AM IST