फिर भर्ती परीक्षा होने पर नहीं लेंगे फीस, पूर्व मुख्यसचिव करेंगे जांच

Fee will not be charged after the re-exam, the former chief secretary will investigate
फिर भर्ती परीक्षा होने पर नहीं लेंगे फीस, पूर्व मुख्यसचिव करेंगे जांच
विधान परिषद फिर भर्ती परीक्षा होने पर नहीं लेंगे फीस, पूर्व मुख्यसचिव करेंगे जांच

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग की समूह सी और डी की भर्ती परीक्षा में हुई अनियमितता की जांच सेवानिवृत्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति से कराई जाएगी। अगर भर्ती परीक्षा दोबारा आयोजित करने की नौबत आई तो अभ्यर्थियों से फिर से परीक्षा फीस नहीं वसूली जाएगी। विधान परिषद में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह आश्वासन दिया। शीत सत्र के पहले दिन बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान सदन में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने स्वास्थ्य विभाग की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने और इसमे भ्रष्टाचार को लेकर सवाल पूछा था। टोपे ने कहा कि सदन के किसी सदस्य के पास भर्ती परीक्षा की अनियमितता से संबंधित कोई जानकारी है तो वह उपलब्ध कराएं। इसकी जांच सेवानिवृत्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समति से कराई जा सकती है। टोपे ने कहा कि भर्ती परीक्षा की पुलिस जांच शुरू है। जांच रिपोर्ट आने के बाद यदि जरूरत पड़ी तो दोबारा परीक्षा आयोजित करने के संबंध में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ चर्चा के बाद उचित फैसला लिया जाएगा। यदि दोबारा परीक्षा आयोजित की जाती है तो अभ्यर्थियों से फिर से परीक्षा फीस नहीं ली जाएगी। टोपे ने कहा कि भर्ती परीक्षा मामले में जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गड़बड़ी करने वालों को  खोजकर निकाला जाएगा। टोपे ने कहा कि पुलिस स्वास्थ्य विभाग के समूह सी और डी की भर्ती परीक्षा की जांच कर रही है। पुलिस को अभी तक समूह सी की परीक्षा में गड़बड़ी के कोई तथ्य नहीं मिले हैं। लेकिन समूह डी की परीक्षा में जो हुआ है वह नैतिकता  के आधार पर नहीं होना चाहिए।

हाई कोर्ट की क्लीनचिट के बाद दिया ठेका

टोपे ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की भर्ती के लिए पहले एक साथ 10 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा लेने की क्षमता रखने वाली कंपनी को ठेका देने का फैसला किया गया था। लेकिन ठेका प्रक्रिया में अधिक कंपनियों को शामिल करने की दृष्टि से शर्तों को शिथिल कर दिया गया। इससे एक साथ 5 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा ले सकने वाली कंपनी ठेका प्रक्रिया में शामिल हो सकती थीं। सरकार के महाआईटी ने ठेके की शर्त को पूरा करने वाली न्यासा कम्युनिकेशन कंपनी को परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी दी थी। टोपे ने कहा कि न्यासा कम्युनिकेशन कंपनी का नाम काली सूची में नहीं है। हाईकोर्ट ने न्यासा कम्युनिकेशन कंपनी को निर्दोष करार दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार ही सुनवाई करके न्यासा कम्युनिकेशन कंपनी को ठेका दिया गया था। टोपे ने स्वास्थ्य विभाग की भर्ती परीक्षा आयोजित करने के लिए 18 कंपनियों ने आवेदन किया था। इसमें से 10 कंपनी अपात्र ठहराई गई थी। टोपे ने कहा कि भाजपा सरकार के समय ओएमआर पद्धति से भर्ती परीक्षा आयोजित की जा रही थी। महाविकास आघाड़ी सरकार ने इस पद्धति को कायम रखते हुए ओएमआर शीट का इस्तेमाल करने का फैसला लिया था। लेकिन ओएमआर पद्धति से परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने के मामले सामने आए हैं। इसलिए अब भर्ती परीक्षा ऑनलाइन आयोजित करने का एक विकल्प है। इसके अलावा महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग के जरिए समूह सी और डी की परीक्षा लेने की मांग उठ रही है। इसलिए परीक्षा पद्धति में बदलाव के लिए सरकार आने वाले समय में नीतिगत फैसला लेगी। इस दौरान भाजपा सदस्य गोपीचंद पडलकर ने कहा कि टोपे भर्ती परीक्षा घोटाले का जवाब गोल-गोल दे रहे हैं। सरकार अभ्यर्थियों के भविष्य से खेल रही है।

अमरावती में 200 अभ्यर्थियों ने दलालों को दिए पैसे

पडलकर ने कहा कि अमरावती में 200 अभ्यर्थियों ने दलालों को पैसे दिए थे। इस पर टोपे ने कहा कि दलालों की ऑडियो रिकॉडिंग और पैसे लेने के मामले की जांच पुलिस कर रही है। इस जांच में तथ्य सामने आ जाएंगे। टोपे ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर खुद मामला दर्ज कराया है। यदि स्वास्थ्य विभाग के मन में खोट होता तो हम स्वयं मामला नहीं दर्ज कराते

Created On :   22 Dec 2021 9:09 PM IST

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