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बारिश से फसल चौपट, फिर बदलेगा मौसम - गरजेंगे मेघ, बरसेगा पानी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। रविवार दोपहर को तेज धूप निकल गई। जबकि शनिवार रात कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई। बंगाल की खाड़ी में गुलाब चक्रवात बनने से नागपुर समेत विदर्भ के कुछ जिलों में दो-तीन दिन गरज-चमक के साथ बारिश होगी। इससे तापमान में कमी आएगी और ठंडी हवा का एहसास होगा। शनिवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री व न्यूनतम तापमान 24.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
गर्मी और उमस से मिलेगी राहत
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में गुलाब चक्रवात बन गया है। ओडिशा व आंध्र प्रदेश की तट से चक्रवात गुजरेगा। इसका असर नागपुर समेत विदर्भ पर होगा। जिले में गरज-चमक के साथ मध्यम व भारी बारिश हो सकती है। तीन दिन तक बारिश होने की प्रबल संभावना है। तापमान गिरने से लोग गरमी और उमस से राहत महसूस करेंगे। रात के समय ठंडी हवा का अहसास होगा। शनिवार को देर रात शहर के कुछ इलाकों मेंं झमाझम बारिश हुई। इसके अलावा जिले में भी कई स्थानों पर हल्की बारिश होने की सूचना है। इससे लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली।
तापमान: अधिकतम 32
न्यूनतम 24.4 डिग्री सेल्सियस
अतिवृष्टि से हिंगना क्षेत्र में फसल बर्बाद
पिछले कई दिनों से लगातार बारिश और कुछ क्षेत्र में अतिवृष्टि होने से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों को फिर से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन शासन ने आंखें बंद कर ली हैं। विधायक समीर मेघेे ने जिला परिषद और पंचायत समिति के नियोजित चुनाव के दौरान किए गए दौरे में अतिवृष्टि से हुए फसलों के नुकसान पर किसानों से चर्चा की तथा उनकी व्यथा तहसीलदार के समक्ष ज्ञापन के माध्यम से रखी। जिसमें कहा गया कि, लगातार बारिश के कारण जमीन अधिक गीली हो गई है, जिससे किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। ऐसी स्थिति में किसानों को नुकसान भरपाई देने की मांग की गई है। फसल के लिए बीज, रासायनिक खाद सहित कीटकनाशक का छिड़काव आदि में किसान का काफी खर्च हुआ है। किसानों पर आर्थिक संकट न आए इसलिए शासन को विशेष ध्यान देने की मांग विधायक मेघे ने की तथा तहसीलदार से फसलों का तत्काल निरीक्षण कर रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने का निवेदन मेघे ने किया है।
अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गईं खरीफ फसलें
उधर नरखेड़ में खरीफ मौसम किसानों के लिए परेशानी भरा रहा। शुरुआत में बारिश की आंखमिचौली से संभ्रम की स्थिति में किसानों ने सामान्य से कम बारिश का कयास लगाकर कपास, सोयाबीन, मूंग, तुअर आदि फसलों की बुआई की। फसल भी बेहतर स्थिति में थी, लेकिन कटाई के ऐन समय से पहले 25 अगस्त से समूचे तहसील में जोरदार बारिश से नदी-नालों उफान पर होकर खेत में पानी भर जाने से खड़ी फसलों का काफी नुकसान हुआ। सबसे ज्यादा असर सोयबीन की फसल पर हुआ। बारिश के पहले येलो मोजक व अन्य कीट ने कहर बरपाते हुए आधे से ज्यादा फसल चौपट कर दी थी। अब सामान्य से ज्यादा बारिश के चलते कपास पर लाल्या, बोंड इल्ली जैसे रोग का खतरा बढ़ गया है। वहीं खेतों में पानी जमा रहने से कपास सूखने लगा है।
835.10 हेक्टेयर में कपास, सोयाबीन व तुअर का नुकसान
तहसील कृषि विभाग से प्राप्त प्राथमिक अनुमान रिपोर्ट के अनुसार इस माह अतिवृष्टि से 246.40 हेक्टेयर में सोयाबीन, 555.40 हेक्टेयर कपास व 33.30 हेक्टेयर तुअर ऐसे कुल 835.10 हेक्टेयर में खड़ी फसलों का नुकसान हुआ। इनमें 1375 किसानों का समावेश हैं। वहीं 84.5 हेक्टेयर क्षेत्र में फूलगोभी उगाने वाले कुल 164 किसानों का नुकसान हुआ। उसी प्रकार संतरा-मौसंबी बागानों में 83.10 हेक्टेयर क्षेत्र की पैदावार प्रभावित होने का प्राथमिक अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। इनमें कुल 162 फल उत्पादकों का समावेश हैं।
किसानों की मांग-जल्द मिले नुकसान मुआवजा
समूचे तहसील में नुकसान ग्रस्त क्षेत्र का सर्वेक्षण व पंचनामा कर आर्थिक मदद मुहैया कराने की मांग किसान कर रहे हैं। हालांकि पालकमंत्री की उपस्थिति में हुई बैठक में अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों के नुकसान का सर्वेक्षण कराने का आदेश मिलने के बाद जिलाधिकारी ने तहसीलदारों को दो दिन के भीतर फसलों के नुकसान का सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए। वहीं शासन द्वारा नुकसानग्रस्त क्षेत्र का सर्वे व पंचनामा तथा तकरीबन 1200 करोड़ रुपए प्राफिट वाली बीमा कंपनियों ने प्रति किसान 50 हजार रुपए की मदद करने की मांग पूर्व सभापति व किसान वसंत चांडक ने की हैं। शासन स्तर पर मदद मुहैया कराने की मांग आग्रा निवासी किसान नंदलाल मोवाड़े ने की हैं। राज्य शासन ने नागपुर जिले में गीला अकाल ग्रस्त घोषित करने की मांग भारसिंगी निवासी किसान डॉ. संजय ढोकणे ने की हैं।
भारी बारिश से नाले पर बना पुल हुआ क्षतिग्रस्त
उधर मनसर-माहुली मार्ग पर हेटी में भारी बारिश से नाले पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया। इससे माहुली- मनसर मार्ग अवरुद्ध हो गया था। नागरिकों ने इसकी शिकायत जिला परिषद सदस्य सतीश डोंगरे से की। इसके बाद डोंगरे ने तुरंत स्वखर्च से पुल की मरम्मत कराते हुए नए पुल निर्माण के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए। सतीश डोंगरे ने बताया कि, भारी बारिश से सड़क का पुल क्षतिग्रस्त हो जाने से वाहनों का आवागमन अवरुद्ध हो गया था। रात के समय बड़ा हादसा होकर जानमाल का नुकसान होने की आशंका बनने लगी थी। प्रशासकीय तौर पर कार्य को देरी को देखते हुए स्वखर्च से मरम्मत कार्य कराते हुए आवागमन सुचारु किया गया। जिप सदस्य के पहल की नागरिकों ने सराहना की हैं।
बिजली कड़कने से गाय की मौत
कामठी /कन्हान इलाके में शुक्रवार की रात बिजली कड़कने की आवाज से घोरपड़ निवासी किसान शंकर बिसन मेश्राम की गाय की मौत हो गई। इसकी सूचना पटवारी और पशु वैद्यकीय अधिकारी को दी गई। शनिवार को पटवारी ने पंचनामा किया। वैद्यकीय अधिकारी गौरकर ने पोस्टमार्टम किया। रिपोर्ट के बाद ही गाय की मौत की वजह स्पष्ट होगी। प्राकृतिक आपदा के तहत मदद की गुहार किसान ने की है।
Created On :   26 Sept 2021 2:16 PM IST