- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- सिवनी
- /
- स्कूल बसों में अभी तक तैनात नहीं...
स्कूल बसों में अभी तक तैनात नहीं हुई महिला कर्मचारी, प्रशासन बेखबर
डिजिटल डेस्क सिवनी । सीबीएसई (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन) और एमपी बोर्ड के स्कूलों की बसों के आखिरी स्टाप तक कोई महिला कर्मचारी नहीं हुई तो बस जब्त कर ली जाएगी। इस नियम पर अभी तक अमल नहीं किया गया है । स्थानीय प्रशासन व्दारा कहा जा रहा है कि कुछ कॉलोनियों को चिह्नित किया जाएगा जहां आरटीओ और ट्रैफि क पुलिस की टीम मौजूद रहेगी। टीम देखेगी कि जब बच्चे बस से उतरते हैं तब कोई महिला कर्मचारी बस में रहती है या नहीं। अगर ऐसा नहीं पाया गया तो न केवल बस जब्त होगी, बल्कि प्राचार्य से जवाब भी मांगा जाएगा। जल्द यह अभियान कभी भी शुरू हो जाएगा। पुलिस तथा आरटीओ अभी तक इस मामल में पहल नहीं कर पाए हैं । स्कूलों के लिए राज्य शासन ने पिछले माह ही गाइडलाइन जारी करते हुए इस मामले में सख्ती से पालन करने को कहा था। सीबीएसई भी नई गाइडलाइन जारी कर चुका है। वहीं स्कूल ऑटो में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाया जा रहा है। जिससे हादसे का डर रहता है। उन चालकों की भी खैर नहीं रहेगी।
महिला कर्मचारी पर रहेगी पैनी नजर
शासन ने पहले ही स्पष्ट किया है कि वह स्कूलों की समस्या और परेशानी सुनने को तैयार है लेकिन बच्चों की सुरक्षा खासकर बसों में महिला कर्मचारी की नियुक्ति के मामले में समझौते को तैयार नहीं है। अब देखना यह है कि बसों की चेकिंग ऐसे स्थान पर हो जहां उनका आखिरी स्टाप होता है ताकि पता चल सके कि महिला कर्मचारी पूरे समय मौजूद रहती है या नहीं।
इसलिए बना है यह नियम
स्कूल बसों में सबसे ज्यादा घटनाएं तब होती हैं जब आखिरी बच्चा बचता है। कई बसों में ऐसी स्थिति बनती है कि आखिरी बच्चे का घर बाकी बच्चों से एक या उससे ज्यादा किमी की दूरी पर होता है। ऐसी स्थिति में बच्चे की सुरक्षा पूरी तरह सवालों के घेरे में होती है। यही वजह है कि स्कूल बसों में आखिरी बच्चे को घर छोडऩे तक महिला कर्मचारी कंडक्टर या शिक्षिका का मौजूद होना अनिवार्य किया गया है।
आरटीओ बोले वाहन चालक व पालक दोनो जिम्मेदार
आरटीओ दिबेश बाथम का कहना है कि वारदातों में वाहन चालकों के अलावा कहीं न कहीं बच्चों के पालक भी जिम्मेदार है। बस या ऑटो में बच्चों की संख्या अधिक होने के बाद भी वह अपने बच्चों को जबरन बैठाते हैं। ओवरलोड के कारण हादसों की आशंका बनी रहती है। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए कलेक्टर से चर्चा कर स्कूल संचालक, आटो चालकों, बस संचालक और पालकों की बैठक करेंगे।
Created On :   9 Oct 2017 4:57 PM IST