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समीर वानखेडे के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर, गलत जानकारी देकर बार लाइसेंस लेने का शिकायत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक रहे आईआरएस अधिकारी समीर वानखेडे के खिलाफ गलत जानकारी देकर बार का लाइसेंस हासिल करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। राज्य उत्पाद शुल्क विभाग की ओर से मामले में ठाणे की कोपरी पुलिस स्टेशन में शिकायत की गई थी जिसके आधार पर आईपीसी की धारा 420, 465 के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी दूसरी संबंधित मामलों के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। उत्पाद शुल्क विभाग का आरोप है कि वानखेडे ने लाइसेंस हासिल करने के लिए जो हलफनामा दिया था उसमें खुद के बालिग होने का दावा किया था। शिकायत में कहा गया है कि वानखेडे ने फरवरी 1997 में जो आवेदन किया था उसमें अपनी उम्र नहीं लिखी थी लेकिन साथ में जो हलफनामा और स्टैंप पेपर सौंपा था उसमें उन्हें बालिग बताया गया था। जबकि वानखेडे की जन्मतिथि 14 दिसंबर 1979 है। शिकायत में दावा किया गया है कि आवेदन के समय नाबालिग होने के चलते उन्हें अपनी जन्मतिथि छिपाई और सिर्फ हलफनामें में बालिग होने की बात लिखी। आरोप है कि उस समय वानखेडे की उम्र 18 साल नहीं थी जबकि शराब की बिक्री के लिए लाइसेंस 21 साल के बाद ही मिलता है। बता दें कि वानखेडे के नाम पर नई मुंबई के वाशी इलाके में सद्गुरू नाम के बार का लाइसेंस था लेकिन ठाणे जिलाधिकारी ने 2 फरवरी को इसे रद्द कर दिया है। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक की शिकायत के आधार पर की गई जांच के बाद यह लाइसेंस रद्द कर दिया गया। लाइसेंस 27 अक्टूबर 1997 में जारी किया गया था जिसे बाद में रिन्यू भी किया गया था। मौजूदा लाइसेंस मार्च 2022 तक था लेकिन इससे पहले इसे रद्द कर दिया गया। बता दें कि मुंबई एनसीबी में तैनाती के दौरान अभिनेता शाहरुख के बेटे आर्यन को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार करने के बाद वानखेडे विवादों में फंसे थे। मलिक ने उन पर जबरन वसूली का भी आरोप लगाया था।
Created On :   21 Feb 2022 6:40 PM IST