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बेखौफ दौड़ रहे ओवरलोड वाहन दर्ज नहीं हो रही है एफआईआर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। क्षमता से अधिक माल का परिवहन करने वाले वाहन के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर प्रतिबंध अधिनियम 1984 के तहत पुलिस थानों में प्राथमिकी दर्ज करने संबंधी आदेश 14 फरवरी 2019 को राज्य शासन द्वारा जारी किया है। इस आदेश को धता बताते हुए पुलिस विभाग द्वारा ओवरलोड वाहनों के खिलाफ और इसके लिए जिम्मेदार अन्य घटकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है। जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ते हुए अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। पुलिस विभाग का कहना है कि कार्रवाई का अधिकार प्रादेशिक परिवहन विभाग तथा तहसीलदार को ही है, जबकि प्रादेशिक परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ओवरलोड वाहनों के खिलाफ पुलिस थानों में शिकायत दर्ज कराने की जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व लोक निर्माण विभाग की है।
आदेश : सभी घटकों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज की जाएं : क्षमता से अधिक माल का परिवहन करने पर मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 113 व 114 के तहत वाहन चालक अथवा वाहन धारक के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इसके तहत दोषी वाहन चालक/धारक द्वारा अधिभार उतारे जाने पर तथा दंड के रूप में तय शुल्क अदा करने की तैयारी दर्शाने पर दंड स्वीकार करने अथवा प्रकरण अदालत में दायर की कार्रवाई की जाती है। मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने जनहित में दायर रिट याचिका क्र. 1/16 के तहत आदेश दिया था कि ऐसे मामलों में आरोपियों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर प्रतिबंध अधिनियम 1984 के तहत कार्रवाई की जाए। ओवरलोड वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगाने के लिए राज्य शासन ने कानूनी कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार सभी घटकों के खिलाफ पुलिस थानों में प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इस मामले में एनएचएआई के अभिजीत जिचकार व लोक निर्माण विभाग के अभिजीत कुचेवार से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका ।
एक-दूसरे के सिर पर फोड़ रहे ठीकरा : एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने स्वीकार किया कि ओवरलोड वाहनों के पकड़े जाने पर पुलिस विभाग द्वारा प्रादेशिक परिवहन विभाग तथा तहसीलदार को घटना की सूचना दे देते हैं। कार्रवाई का अधिकार प्रादेशिक परिवहन विभाग तथा तहसीलदार को ही है, जबकि प्रादेशिक परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ओवरलोड वाहनों के खिलाफ पुलिस थानों में शिकायत दर्ज कराने की जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व लोक निर्माण विभाग की है। कुल मिलाकर जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ते हुए अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। खास बात यह है कि शहर में अब तक दर्जनों वाहनों को क्षमता से अधिक माल का परिवहन करने के मामले में पुलिस विभाग द्वारा प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के तहत जब्त किया गया है, लेकिन न तो वाहन चालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई, न ही माल भेजने अथवा माल मंगाने वालों को आरोपी बनाया जा सका है।
पुलिस विभाग शिकायत दर्ज नहीं करता
क्षमता से अधिक माल का परिवहन करने के मामले में पुलिस विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। साथ ही माल भेजने व माल मंगाने वाले के खिलाफ भी पड़ताल की जानी चाहिए। पुलिस विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज ही नहीं की जाती है। अधिकांश मामलों में आरटीओ द्वारा चालान कार्रवाई कर खानापूर्ति की जा रही है।
-अल्ताफ अहमद, अध्यक्ष विदर्भ क्वारी ओनर्स वेेलफेयर एसोसिएशन
आरटीओ शिकायत करें तो मामला दर्ज करते हैं
क्षमता से अधिक माल का परिवहन करने वाले वाहनों को जब्त कर प्रादेशिक परिवहन विभाग से संपर्क किया जाता है। ऐसे मामलों में प्रादेशिक परिवहन विभाग शिकायत करें तो प्रकरण पंजीबद्ध करते हैं।
- सार्थक नेहते, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक, हुडकेश्वर थाना
Created On :   11 Feb 2022 4:00 PM IST