जयपुर: रिकॉर्ड नही देने वाली गृह निर्माण सहकारी समितियों के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर अवसायाधीन समितियों का पंजीयन दो माह में समाप्त किया जाएगा
डिजिटल डेस्क, जयपुर। रिकॉर्ड नही देने वाली गृह निर्माण सहकारी समितियों के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर अवसायाधीन समितियों का पंजीयन दो माह में समाप्त किया जाएगा 3 माह में धारा-55 की जांच एवं पंचनिर्णय देना होगा जयपुर, 28 अक्टूबर। प्रमुख शासन सचिव सहकारिता श्री कुंजीलाल मीणा ने कहा कि जिन गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा ऑडिट के लिए रिकॉर्ड उपलब्ध नही करवाया जा रहा है ऎसी समितियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी एवं इस्तगासा दायर किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि ऑडिट नही कराने वाली गृह निर्माण सहकारी समितियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। श्री मीणा बुधवार को सहकार भवन में गृह निर्माण सहकारी समितियों से जुड़े अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य में जितनी भी गृह निर्माण सहकारी समितियां है जो अवसायन में है। उन्हें दो माह में पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में 968 गृह निर्माण सहकारी समितियों में से 231 सक्रिय है, 522 निष्कि्रय है तथा 215 अवसायन में है। उन्होंने सभी संबंधित उप रजिस्ट्रार को कार्यवाही करने हेतु निर्देशित करने के लिए निर्देश दिए। साथ ही अवसायन कार्यवाही नियत समय में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जयपुर में 160 गृह निर्माण सहकारी समितिया है जिसमें से 2019-20 तक 93 सक्रिय समितियों में से मात्र 2 गृह निर्माण सहकारी समितियों की ऑडिट हुई हैै। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि शेष समितियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि समय पर ऑडिट नही करने वाले निरीक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाए। उन्होेंने यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि किसी एक निरीक्षक के पास चऑडिट एवं पंचनिर्णय के लिए अधिक समितियां नही होनी चाहिए। रजिस्ट्रार श्री मुक्तानन्द अग्रवाल ने कहा कि राज्य में जितनी भी निष्कि्रय गृह निर्माण सहकारी समितिया है उनको अवसायन में लाया जाए तथा अवसायन में लाकर नियमानुसार पंजीकरण निरस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि विभाग के जिलों में प्रभारी नियुक्त किए गए है उन प्रभारियों का दायित्व है कि जिले में इस प्रकार से चल रही गृह निर्माण सहकारी समितियों की रिपोर्ट तैयार कर पंजीयन निरस्त की कार्यवाही की जाए। संबंधित जिला प्रभारी जिलों में हो रही प्रगति के बारे में अवगत कराएंगे। श्री अग्रवाल ने कहा कि गृह निर्माण सहकारी समितियों में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए समय पर ऑडिट के साथ ऑडिट रिपोर्ट को भी सहकार पोर्टल पर अपलोड करना भी सुनिश्चित करें। उन्होेंने कहा कि जिन गृह निर्माण सहकारी समितियों के खिलाफ पंचनिर्णय है उन्हें तीन माह में पूरा करें तथा धारा-55 की जांच को भी तीन माह में पूरा किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि उप रजिस्ट्रार यह सुनिश्चित करें कि एक निरीक्षक के पास अधिकतम 2 या 3 समितियों की ऑडिट एवं पंचनिर्णय के मामले में भी 2 से 3 समितिया ही निरीक्षक के पास हो।
Created On :   29 Oct 2020 1:58 PM IST