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आग की लपटों में घिर सकता है शहडोल, भीड़ भरे स्थानों पर वाहनों के बीच होती है आतिशबाजी
डिजिटल डेस्क शहडोल। बीच सड़क भारी भीड़ व वाहनों की रेलमपेल के बीच होती वैवाहिक समारोहों की आतिशबाजी देख राह चलने वालों के दिल दहल उठते हैं। शहर के अधिकांश बारात घर, मैरिज गार्डन व पैलेस बीच शहर में नियम विरुद्ध तरीके से संचालित हो रहे हैं। बैण्डबाजों के साथ बारात निकलती है तो मेन रोड जाम हो जाता है। नाचगाने के बीच जमकर आतिशबाजी होती है। ऐसे में प्रशासनिक उदासीनता कभी भी बड़ी घटना का कारण बन सकती है। आश्चर्यजनक बात यह है कि बिना अनुमति चल रहे बारातघरों के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
नपा की घोर लापरवाही
शहर में संचालित डेढ़ दर्जन बारात घरों में से एक का भी नगरपालिका में पंजीयन नहीं है। इसके बाद भी नगरपालिका प्रशासन आंख बंद किए हुए है। नपा सूत्रों के अनुसार जितने स्थानों पर शादी ब्याह आदि के आयोजन होते हैं उन स्थानों की अनुमति आवासीय के रूप में ली गई है। लेकिन उनका उपयोग खुले तौर पर व्यावसायिक रूप में किया जा रहा है। नगरपालिका द्वारा खुली छूट दी गई है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज तक नोटिस तक जारी नहीं की गई, कार्रवाई करना तो दूर की बात है।
नपा खुद तोड़ रही नियम
बारातघरों के संचालन में नगरपालिका स्वयं ही नियम तोडऩे पर आमादा है। नवनिर्मित बाणगंगा पार्क के पास बने सामुदायिक भवन का प्रयोग शादी समारोहों के लिए भी किया जाता है। इस व्यवसायिक उपयोग के बाद भी प्रदूषण नियंत्रण विभाग से एनओसी नहीं ली गई है। सवाल उठ रहे हैं कि जब नपा स्वयं ही नियमों का पालन नहीं कर रही है तो अन्य के विरुद्ध कार्रवाई कैसे करेगी।
नोटिस तक सीमति कार्रवाई
शहर के बीच संचालित अधिकांश बारात घरों में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। शादी विवाह के दौरान सड़कों पर ही वाहन खड़े किए जाते हैं। जाम लग जाता है। लोगों को आने जाने में भारी परेशानी होती है। व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी नगरपालिका के साथ यातायात विभाग की है। लेकिन इन दोनों विभाग निष्क्रिय बने हुए हैं। हालांकि यातायात विभाग द्वारा नोटिस जारी की गई है, परंतु कार्रवाई कुछ नहीं हो रही है।
प्रदूषण विभाग हुआ सक्रिय
बारातघरों के संचालन में होने वाले पर्यावरणीय नुकसान हो ध्यान में रखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कुछ सक्रिय हुआ। विभाग द्वारा 12 बारातघरों को नोटिस जारी की गई। वाटर एक्ट 1974 तथा एयर एक्ट 1981 के तहत वाटर ट्रीट मेंट प्लान लगाने के साथ एसटीपी लगाने के निर्देश दिए गए थे। अधिकांश ने इसका पालन कर एनओसी तो पा ली लेकिन एसटीपी कहीं भी नहीं लगे हुए हैं।
इन नियमों का पालन अनिवार्य
0 विद्युत की हाइटेंशन लाइन कम से कम 5 मीटर की दूरी पर हो। 0 बारात घर में 10 हजार लीटर पानी का भंडारण अनिवार्य है। 0 पांडाल में सिंथेटिक कपड़ा पूर्णत: वर्जित है यहां पर सिर्फ सूती कपड़ों का उपयोग किया जाना चाहिए। 0 नायलोन की रस्सी से बांधना प्रतिबंधित है। 0 किचन शेड कपड़े का नहीं टीन का होना चाहिए। 0 किचन शेड के पासं रेत भरी बाल्टियां रखने के साथ ही फायर सेफ्टी सिस्टम और फस्र्ट एड बाक्स जरूरी। 0 प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग द्वार हों। उनकी साइज भी क्षमता के अनुरूप होनी चाहिए। 0 पार्किंग की समुचित व्यवस्था हो।
जारी करेंगे नोटिस
-किसी भी बारातघर का पंजीयन नगरपालिका में नहीं है। आसावीय परिसर की मंजूरी लेकर व्यवसायिक उपयोग करने वालों को नोटिस जारी की जाएगी।
बृजेंद्र वर्मा, प्रभारी एसएचओ नपा
Created On :   23 Nov 2017 8:53 AM IST