बेरोजगार युवक के सामने रखी दीवार फिल्म की जैसी शर्त, फिर मिलेगा योजना का लाभ

First fulfill condition like Diwar film-  then will get benefit from Scheme
बेरोजगार युवक के सामने रखी दीवार फिल्म की जैसी शर्त, फिर मिलेगा योजना का लाभ
बेरोजगार युवक के सामने रखी दीवार फिल्म की जैसी शर्त, फिर मिलेगा योजना का लाभ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बेरोजगार युवक के सामने "दीवार" फिल्म की जैसी शर्त रख दी गई, जबकि वो योजना का लाभ लेने की दरकार में है। मुख्यमंत्री कृषि व अन्न प्रक्रिया योजना के तहत फल, सब्जी, खाद्यान्न व तेलबीज पर प्रक्रिया करने वालों को सरकार अनुदान देगी। अनुदान की राशि 30 से 50 लाख तक की है, मगर अजीबो-गरीब शर्त के कारण यह योजना बेरोजगारों की पहुंच से काफी दूर है। उनके लिए अनुदान की यह बड़ी राशि ‘बीरबल की खिचड़ी’ की तरह ही है। इसमें सरकार ने 50 लाख से डेढ़ करोड़ की राशि पहले बैंक से मंजूर करवाने की शर्त रखी है।

यदि कोई बेरोजगार इसको पूरी कर लेगा तभी उसे संबंधित योजना का लाभ मिलेगा। ऐसे में सवाल यह उठता है कि बैंक अपने स्तर पर किसी बेरोजगार को इतना लोन कैसे मंजूर करेगा। क्योंकि वह इसके लिए पहले जमानत की मांग करता है। यदि बेरोजगार के पास इतनी जमानत होती तो वह बेरोजगार ही क्यों होता। ऐसी शर्त लोगों के बीच जमकर चर्चा का विषय बनी हुई है। 

ऐसी है योजना  
राज्य सरकार ने 20 जून 2017 को शासनादेेश जारी कर मुख्यमंत्री कृषि व अन्न प्रक्रिया योजना लागू की है। इस पर इस साल से अमल किया जा रहा है। 31 अगस्त तक संबंधित व्यक्ति या संस्था को जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी के पास अपना प्रस्ताव जमा करना है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 50 लाख से डेढ़ करोड़ तक है। सक्षम किसान उत्पादक कंपनी, महिला स्वयंसहायता गट, निजी उद्योग क्षेत्र, ग्रामीण बेरोजगार युवक व सहकारी संस्था इस प्रोजेक्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सरकार 30 लाख से 50 लाख तक का अनुदान देगी। कृषि विभाग ने इसके लिए जो नियम, शर्तें और मापदंड जोड़े हैं, उसके मुताबिक जिन प्रस्तावों को राष्ट्रीयकृत, कमर्शियल या शेड्यूल्ड बैंक से कर्ज मंजूर हुआ है, ऐसे प्रस्ताव जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी के पास पेश करने चाहिए। उद्योग व प्रोजेक्ट के लिए जरूरी कच्चा माल किसान उत्पादक कंपनियों से खरीदी करके दस्तावेजी सबूत पेश करना बंधनकारी है। 

सुशील मोरे के मुताबिक यह योजना 1975 में आई "दीवार" फिल्म की शर्त जैसी है। जब अमिताभ बच्चन के सामने शशि कपूर ने अपने गुनाहों के कबूलनामे पर हस्ताक्षर करने को कहा था, तब अमिताभ बच्चन ने ऐसी शर्त रखी थी कि, "जाओ पहले उस आदमी के हस्ताक्षर लेकर आओ, जिसने मेरी मां का अपमान किया था और मेरे हाथ पर चोर लिख दिया था", तब शशि कपूर उस शर्त को पूरा कर पाए थे,न अब उसी तरह की शर्त मुख्यमंत्री कृषि व अन्न प्रक्रिया योजना का लाभ लेने के लिए बेरोजगार पूरा कर पाएंगे। इसलिए मैंने इस योजना को पढ़ने के बाद इसका लाभ लेने का विचार ही त्याग दिया।

9 प्रस्ताव आए हैं 
मिलिंद शेंडे, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी का कहना है कि यह एक करोड़ से ज्यादा लागत वाले प्रोजेक्ट हैं। सरकार 30 से 50 लाख तक का अनुदान देगी। यह योजना इस साल से लागू हो रही है। अभी तक 9 प्रस्ताव आए हैं, जिसे कृषि आयुक्त पुणे के पास भेज दिया गया है। प्रस्ताव मंजूर करने का अधिकार कृषि आयुक्त को है। चूंकि यह बड़े प्रोजेक्ट हैं, इसलिए पहले बैंक से कर्ज मंजूर होने की स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए। 

किसान उत्पादक कंपनी, महिला स्वयंसहायता गट, निजी उद्योग क्षेत्र व सहकारी संस्था के पास निधि होती है आैर वे कच्चा माल भी पहले से खरीद सकते हैं आैर इनके क्रेडिट, टर्न आेवर और ट्रांजेक्शन के आधार पर बैंक इनका 50 लाख से एक करोड़ का कर्ज भी मंजूर कर सकता है, लेकिन ग्रामीण बेरोजगार को प्रोजेक्ट लगाने के पहले या प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के पहले ही कौन सा बैंक लाखों का कर्ज मंजूर करेगा। बैंक में कर्ज लेने के लिए एस्टिमेट के साथ ही जगह व चल-अचल संपत्ति भी दिखानी पड़ती है। बेरोजगार कच्चा माल खरीदने के लिए पैसा कहां से लाएगा। बेरोजगार कृषि विभाग के मापदंड देखकर ही बाहर हो सकता है।  बैंक बेरोजगार को खुद के दम पर कर्ज देने में आनाकानी करता है आैर जिसका लाखों का कर्ज मंजूर है वह बेरोजगार कैसा यह बड़ा सवाल है। 

उन्हें प्रशिक्षण देकर आईडी के लिए प्रस्ताव भेजे गए। जिला परिषद की ओर से 90 मुख्य सेविकाओं को टैब दिए गए। इनमें से 15 मुख्य सेविकाओं के आईडी-पासवर्ड प्राप्त होने से शीघ्र आंगनवाड़ियों में बच्चों के आधार कार्ड बनाने की शुरूआत की जाएगी। एक मुख्य सेविका के कार्यक्षेत्र में 25 आंगनवाड़ियां हैं। उन्हें अपने कार्यक्षेत्र की आंगनवाड़ियों के बच्चों के आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।
 

Created On :   25 July 2018 11:40 AM GMT

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