लगातार 2 वर्षों से स्वच्छता सर्वेक्षण में प्राप्त किया प्रथम स्थान "शाहगंज समन्वित विकास की गाथा"

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
लगातार 2 वर्षों से स्वच्छता सर्वेक्षण में प्राप्त किया प्रथम स्थान "शाहगंज समन्वित विकास की गाथा"

डिजिटल डेस्क, शहडोल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के गृह-क्षेत्र में आने वाला छोटा-सा शहर शाहगंज वर्ष 2010 तक ग्रामीण परिवेश की नागरिक सुविधाओं वाली ग्राम पंचायत था। वर्ष 2010 में शासन ने इसे नगर परिषद का दर्जा दिया और पहली बार चुनी हुई परिषद गठित हुई। विकास के पथ पर अग्रसर शाहगंज ने बीते 10 वर्षों में पीछे मुड़कर नहीं देखा और पिछले 2 वर्षों से स्वच्छता सर्वेक्षण में इसने 25000 से कम जनसंख्या के शहरों में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के साथ शहरी स्वच्छता के नये प्रतिमान स्थापित किये हैं। अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप स्वच्छता के कार्यों को सुपरिभाषित और संस्थागत स्वरूप प्रदान करने का कार्य स्वच्छ भारत मिशन ने किया है। नगर परिषद शाहगंज ने अपनी स्थापना के बाद न केवल स्वच्छता वरन पेयजल, शहरी मार्गों का निर्माण, स्ट्रीट लाईट, सार्वजनिक सुविधाओं का विकास जैसे नागरिक सुविधा के प्रत्येक क्षेत्र में ध्यान देकर समन्वित विकास का कार्य किया। नगर परिषद ने स्वच्छता के क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण तथा खुले में शौच से मुक्त शहर होने के पश्चात् ओडीएफ का प्रमाणीकरण, फीजल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण तथा कचरा-मुक्त शहर की 3-स्टार रेटिंग प्राप्त की है। स्वच्छता के प्रति शाहगंज के नागरिकों की जागरूकता और जिम्मेदारी का भाव इतना अधिक है कि स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 में सिटीजन फीडबैक में शाहगंज को प्राप्त अंक अपनी श्रेणी में देश में सर्वाधिक है। पेयजल की समुचित उपलब्धता एक महत्वपूर्ण नागरिक सुविधा है। ग्राम पंचायत के समय शाहगंज में ट्यूबवेल पर आधारित जल प्रदाय योजना थी। नगर परिषद शाहगंज ने भारत सरकार की यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजनांतर्गत शहर की नई जल प्रदाय योजना स्वीकृत कराई जिसका क्रियान्वयन पूर्णता की ओर है। यह योजना नर्मदा नदी के जल पर आधारित है और आगामी 30 वर्षों तक शहर के नागरिकों को 135 LPCD (Litter per capita par day) शुद्ध जल उपलब्ध कराने में सक्षम होगी। यह पेयजल प्रदाय के CPHEO के मापदण्डों के अनुरूप है। आंतरिक मार्गों का विकास शहरीकरण का प्रमुख लक्षण है। नगरीय क्षेत्र शाहगंज का मुख्य मार्ग MPRDC द्वारा विकसित किया गया है जबकि आंतरिक मार्गों पर व्यवस्थित सीमेंट,कान्क्रीट सड़कों का निर्माण नगर परिषद शाहगंज ने साल दर साल शासन से प्राप्त होने वाले अनुदान से कराया है। MPRDC द्वारा निर्मित सड़क रोड़ डिवाईडर, स्ट्रीट लाईटिंग, फुटपाथ का निर्माण नगर परिषद शाहगंज ने मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना अंतर्गत कराया है। सीमेंट कांक्रीट सड़कों के निर्माण से स्वच्छता बनाये रखने में मदद मिली है और शहर सौन्दर्यीकृत हो गया है। खुले में शौच से मुक्त शहर का दर्जा प्राप्त करने के लिए शाहगंज के प्रत्येक घर में व्यक्तिगत शौचालय बनवाए गए हैं और सार्वजनिक स्थानों पर उपयोग के लिए सर्वसुविधा युक्त 2 सामुदायिक शौचालय व स्नानागार का निर्माण कराया गया है। इन सामुदायिक शौचालयों का व्यवस्थित संचालन व संधारण किया जा रहा है। खुले में शौच की प्रवत्ति को रोकने के लिए लोगों के व्यवहार-परिवर्तन के लिए जोरदार मुहिम चलाई गई जिसमें प्रभात फेरियां, नुक्कड़ सभाएं, व्यक्तिगत सम्पर्क के माध्यम से किए गए कार्यों से शहर ने ओडीएफ का प्रमाणीकरण हासिल किया है। शहर में प्रतिदिन निकलने वाले कचरे का नियमित संग्रहण और उसका समुचित प्रबंधन नगर परिषद द्वारा किया जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप 2019 में शाहगंज को कचरा-मुक्त शहर की थ्री-स्टार रेटिंग प्राप्त हुई है। नगर परिषद शाहगंज के पास अपना सुव्यवस्थित भवन है और वहां वीडियो कान्फ्रेंसिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। व्यवस्थित कार्यालय भवन और आधुनिक सुविधाओं के उपयोग से अच्छे दर्जे की नागरिक सुविधाएं और जनशिकायतों का त्वरित निवारण नगर परिषद शाहगंज द्वारा किया जाता है। इससे नागरिकों में नगरीय निकाय की सेवाओं के प्रति संतुष्टि का स्तर ऊंचा है। इसी का परिणाम है कि शाहगंज उच्चतम सिटीजन फीडबैक प्राप्त करने वाला देश का प्रथम शहर घोषित किया गया है। नगरीय विकास के अतिरिक्त अन्य विभागों ने भी शाहगंज में अपनी गतिविधियां उच्च गुणवत्ता के साथ की हैं, जिससे यह छोटा-सा नगर अल्प समय में सर्वांगीण विकास के मार्ग पर चलने सफल हो सका है।

Created On :   24 Aug 2020 3:04 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story