फ्लाई ऐश ब्रिक्स - एनजीटी के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन

Fly ash bricks - non-observance of NGT instructions by department
फ्लाई ऐश ब्रिक्स - एनजीटी के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन
फ्लाई ऐश ब्रिक्स - एनजीटी के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन

डिजिटल डेस्क शहडोल । फ्लाई ऐश ब्रिक्स को लेकर एनजीटी द्वारा जारी दिशा निर्देशों का शासकीय विभागों पर लगता है कोई असर नहीं है। तभी तो एनजीटी की गाइडलाइन का हवाला देकर मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से राज्य व केंद्र सरकार के समस्त विभागों के अधिकारियों को लिखे गये पत्र का जवाब चार महीने बाद भी नहीं दिया गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 15 जनवरी 2018 को समस्त विभागों को पत्र लिखकर जानकारी चाही गई थी कि आपके विभाग द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों में कितनी मात्रा में फ्लाई ऐश ब्रिक्स का उपयोग किया गया है। पत्र में परियोजनावार जानकारी मांगी गई थी। प्रदूषण विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है। क्योंकि एनजीटी के निर्देशों का पालन कराने पीएस की ओर से कलेक्टरों को भी पत्र जारी किया गया है। अब कलेक्टर की ओर से समस्त शासकीय विभागों को पत्र जारी कराने की तैयारी कराई जा रही है।
इसलिए जारी किया पत्र
एनजीटी के निर्देशों के तहत भारत सरकार पर्यावरण वन मंत्रालय द्वारा 3 नवंबर 2009 एवं 25 जनवरी 2016 को फ्लाई ऐश नोटिफिकेशन जारी किया गया था। जिसमे कहा गया है कि थर्मल पावर परियोजनाओं से कम से कम 300 किलोमीटर की परिधि में सभी शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं को सिविल निर्माण के कार्यालय में लाल की बजाय फ्लाई ऐश आधारित ईंट, ब्लाक टाइल्स का ही उपयोग करना है। गौरतलब है कि शहडोल संभाग में दो थर्मल पावर हैं। इसलिए यहां इसका उपयोग और जरूरी किया गया है। लेकिन शिकायतों के अनुसार कुछ शासकीय विभागों द्वारा नोटिफिकेशन का पालन नहीं किया जा रहा है। इसके बाद प्रदूषण विभाग द्वारा जिला पंचायतों के सीइओ, वन विभाग, आदिवासी आयुक्त, पीएचई, आरईएस, गृह निर्माण मंडल के ईई, सभी नगर पालिका, नगर परिषद, नगर पंचायतों के सीईओ को पत्र जारी कर जानकारी चाही गई थी।
हो रहा रेड ब्रिक्स का उपयोग
प्रदूषण विभाग ने एनजीटी के निर्देशों का हवाला देते हुए बताया कि समस्त शासकीय निर्माण के अलावा निजी व पीएम आवास में भी लाल ईंटों का उपयोग नहीं किया जाना है। नगरपालिका की ओर से मकान निर्माण की शर्तों में फ्लाई ऐस ब्रिक्स शामिल होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। शहर तथा गावों में पीएम आवास में लाल ईंटों का प्रयोग किया जा रहा है। लाल ईंटों के भ_ों का संचालन भी जिले में अवैध रूप से किया जा रहा है। प्रदूषण विभाग की ओर से किसी को भी अनुमति नहीं मिली है। कुम्हार जाति के लोगों की आड़ में माफियाओं द्वारा भट्टों का संचालन किया जा रहा है।
ऐसे में बढ़ेगी बेरोजगारी
एनजीटी के निर्देशों का पालन नहीं होने से खादी ग्रामोद्योग मिशन द्वारा स्थापित फ्लाईऐश ब्रिक्स इकाईयों के पास काम नहीं रह गया है। जिले में लगभग 100 ऐसी इकाईयां हैं जो बेरोजगार हो रही हैं। उद्योग चलाने वालों ने भी कलेक्टर को पत्र लिखकर अपनी चिंता से अवगत कराया है कि लघु इकईयों के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो रहा है।
फिर जारी होंगे पत्र
-नेशनल ग्रीन ट्यूबनल की गाइडलाइन के अनुसार शासकीय व निजी निर्माण में भी फ्लाई ऐश ब्रिक्स का ही प्रयोग करना है। जनवरी में शासकीय विभागों को पत्र के माध्यम से जानकारी चाही गई थी, लेकिन किसी ने नहीं दिया। अब कलेक्टर के माध्यम से रिवाईंडर किया जाएगा।
एसपी झा, कार्यपालन यंत्री पीसीबी
 

Created On :   14 April 2018 8:15 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story