36 माह में बनना है फ्लाई ओवर, 3 माह केवल स्वाइल टेस्टिंग में गुजर गए, अभी अनेकों बाधाएँ

Flyover to be made in 36 months, 3 months have passed in only testing, many obstacles now
36 माह में बनना है फ्लाई ओवर, 3 माह केवल स्वाइल टेस्टिंग में गुजर गए, अभी अनेकों बाधाएँ
36 माह में बनना है फ्लाई ओवर, 3 माह केवल स्वाइल टेस्टिंग में गुजर गए, अभी अनेकों बाधाएँ

डिजिटल डेस्क जबलपुर । दमोहनाका से मदन महल स्टेशन के उस पार तक 6 किलोमीटर के दायरे में जो फ्लाई ओवर बन रहा है उसके निर्माण की गति अब तक के हुये काम के लिहाज से उत्साहजनक नहीं है। तय सीमा 36 माह में से 3 माह निर्माण की अवधि बीत गई और केवल स्वाइल की टेस्टिंग ही हो सकी है। काम एकदम शुरूआती है और किसी नतीजे पर नहीं पहुँचा जा सकता है, लेकिन जबलपुर में जितने भी बड़े निर्माण अब तक हुये हैं या जो अभी निर्माणाधीन हैं उनकी गति अब तक बहुत ही धीमी रही है। इस तरह संस्कारधानी में प्रोजेक्ट को लेकर पूर्व के अनुभव उतने सुखद नहीं हैं। बजट, जहाँ बनना है वहाँ साइट सब कुछ क्लियर होने के बाद भी कई बड़े प्रोजेक्ट किसी न किसी तरह से उलझते हुये वर्षों से पूरे नहीं हो सके हैं। फ्लाई ओवर जहाँ पर बनना है वहाँ पर तो अभी 300 के करीब अलग-अलग तरह से अतिक्रमण हैं। इसी तरह एक दर्जन विभागों का काम है जो पटरी में आये तभी गति बढ़ सकती है। 
 जानकारों का कहना है कि वैसे भी फ्लाई ओवर कम से कम 2 साल पीछे है। 3 साल पहले इसका बजट मिला है और एक साल प्रोसेस में भी छोड़ दिया जाए तो 2 साल इसमें बेवजह खर्च हो चुके हैं। 749 करोड़ से 3 माह पहले इसमें काम शुरू हुआ है। अभी एकदम ताजा हालातों में भूमि परीक्षण के बाद मदन महल चौराहे से छोटी लाइन फाटक के हिस्से में दो पिलर बनाने काम आरंभ किया गया है। यह पिलर भी परीक्षण के तौर पर बनाये जा रहे हैं। 
टारगेट को देखते हुए गति धीमी 
फ्लाई ओवर की निर्माण अवधि कुल 36 माह निर्धारित की गई है। इसमें प्रमुख शर्त देरी के लिए यह रखी गई है िक देरी होने पर दिन के हिसाब से पेनाल्टी का प्रावधान किया गया है। यदि ठेका कंपनी देरी करती है तो उसे जुर्माना देना होगा और लोक निर्माण विभाग देरी करता है तो उसको जुर्माना अदा करना होगा। अभी जो हालात हैं और जहाँ पर निर्माण होना है वहाँ की स्थितियों देखते हुये समय सीमा में िनर्माण बहुत बड़ी चुनौती से कम नहीं है। वैसे भी 180 पिलरों का  निर्माण, दोनों ओर नीचे 36 फीट सड़क, अंडर ग्राउण्ड विद्युत व्यवस्था, 4 अलग-अलग जगहों पर सड़क उतरने के साथ मदन महल स्टेशन के ऊपर 348 मीटर का केबल स्टे ब्रिज जैसी बड़ी संरचना को भी बनाया जाना है। यह तभी संभव है जब जिम्मेदार अधिकारी अपना काम गंभीरता के साथ समय पर पूरा करें।
 

Created On :   4 Aug 2020 2:57 PM IST

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