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जर्जर बिल्डिंग गिराने के आदेश का 30 दिनों में करो पालन
डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट ने भोपाल नगर निगम को कहा है कि वहां के लोहा बाजार के प्लाट नं. 67 पर स्थित जर्जर बिल्डिंग को गिराने के संबंध में जारी आदेश का पालन 30 दिनों के भीतर किया जाए। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने एक मामले पर सुरक्षित रखा फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिया। एमपी नगर के जोन-2 में रहने वाले कीर्तेश ओसवाल की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया था कि प्लाट नं. 67 पर स्थित जर्जर इमारत को ढहाने के लिए जुलाई 2019 के बाद से नगर निगम आयुक्त लगातार आदेश जारी कर रहे, लेकिन उसका पालन नहीं हो पा रहा है। याचिका में आरोप था कि उक्त बिल्डिंग लोगों की जान के लिए खतरा बनी है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता कपिल दुग्गल और अन्य अनावेदकों का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
तथ्य छिपाने वाले चौकीदार की याचिका खारिज
कोऑपरेटिव सोसायटी के रजिस्ट्रार की अनुमति के बाद चौकीदार के पद पर नियुक्त हुए रीवा जिले के ग्राम लोही निवासी रामचरण प्रजापति की बर्खास्तगी को चुनौती देने वाली याचिका जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने खारिज कर दी है। वर्ष 2010 में दायर इस मामले पर सुरक्षित रखा फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा- याचिकाकर्ता ने इस बात को छिपाया कि उसे बर्खास्तगी के आदेश की जानकारी नहीं थी, जबकि दस्तावेजों से साफ है उसे इसकी पूरी जानकारी थी। इस मामले में याचिकाकर्ता ने अपनी बर्खास्तगी को अनुचित ठहराया था।
नीतिगत मामलों में नहीं दिया जा सकता दखल
विद्युत विभाग के एक कर्मचारी द्वारा सेवानिवृत्ति आयु के निर्धारण को चुनौती देने वाली याचिका जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने खारिज कर दी है। अपने फैसले में अदालत ने कहा है कि किसी भी नीतिगत मामले में अदालत तब तक हस्तक्षेप नहीं कर सकती, जब तक वह मौलिक अधिकारों या कानून के खिलाफ न हो। भोपाल के गोविन्दपुरा में रहने वाले प्रभुदयाल श्रीवास्तव ने इस याचिका में अपनी सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष किए जाने को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता का दावा था कि सिविल असिस्टेंट की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष निर्धारित है, ऐसे में उनको 58 वर्ष में रिटायर किया जाना अवैधानिक है।
Created On :   13 May 2020 2:53 PM IST