- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- शहडोल
- /
- डेढ़ लाख परिवारों पर खाद्यान्न का...
डेढ़ लाख परिवारों पर खाद्यान्न का संकट, 274 दुकानों में जड़ा ताला

डिजिटल डेस्क शहडोल । सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि किसी को भी खाद्यान्न से वंचित नहीं किया जा सकता लेकिन सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल के कारण डेढ़ परिवारों पर खाद्यान्न का संकट खड़ा हो गया है। फरवरी माह की 22 तारीख से राशन दुकानों पर ताला जड़ जिले भर के पीडीएस दुकानों के विक्रेता, मैनेजर व चौकीदार अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे हैं। जिसके कारण वितरण व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। वहीं सहकारी संस्थाओं के माध्यम से संचालित होने वाली अन्य शासकीय योजनाएं भी प्रभावित हो रही हैं। फरवरी माह का खाद्यान्न तो पात्रतापर्चीधारी उपभोक्ताओं को दुकानों से मिला, लेकिन मार्च महीने की 10 तारीख तक एक लाख 44 हजार 312 परिवारों को राशन नहीं मिल पा रहा है। जिले की उन्हीं दुकानों में वितरण हो पा रहा है जिनका संचालन सहकारी संस्थाओं से इतर संगठनों द्वारा किया जा रहा है। ऐसी दुकानों की संख्या कुल दुकानों के मुकाबले बहुत कम है।
यह है स्थिति
जिले में पीडीएस की 414 दुकानें संचालित हैं। जिनके माध्यम से 2.18 लाख गरीब परिवारों के 8 लाख 83 हजार 558 सदस्यों को अनाज वितरित किया जाता है। इनके लिए हर महीने औसतन 51 हजार क्विंटल अनाज आवंटित होता है। इसमें 30 हजार क्विंटल गेहंू तथा 21 हजार क्विंटल चावल का वितरण होता है। चालू महीने की 25 तारीख तक खाद्यान्न का उठाव हो जाता है। फरवरी माह में मार्च का उठाव तो हो चुका है लेकिन दुकानों से वितरण नहीं हो पा रहा है।
274 दुकानों से वितरण ठप
कुल 414 दुकानों में 139 का संचालन गैर सहकारी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है। इनमें वितरण व्यवस्था ठीक चल रही है। लेकिन जिन 274 दुकानों का संचालन सहकारी समितियों के माध्यम से हो रहा है उनमें वितरण पूरी तरह ठप है। कुल 307 विक्रेताओं में से 298 हड़ताल पर हैं। इन दुकानों में 526 परिवारों के 1 लाख 44 हजार 312 परिवार आश्रित हैं। जिनके सामने अनाज का संकट खड़ा हो गया है।
ये कार्य भी प्रभावित
पीडीएस दुकानों के जरिए खाद्यान्न वितरण व्यवस्था प्रभावित होने के साथ ही हड़ताल की वजह से इन संस्थाओं के माध्यम से संचालित होने वाली शासन की अन्य योजनाएं भी प्रभावित हो रही हैं। सहकारी संस्थाओं के 37 मैनेजर हड़ताल पर हैं। भावांतर योजना के पंजीयन के लिए किसानों को भटकना पड़ रहा है। शासन द्वारा पंजीयन की डेट भले 24 मार्च तक कर दिया गया हो लेकिन पंजीयन कार्य प्रभावित हो रहा है। गेहूं उपार्जन के लिए पंजीकृत किसानों के सत्यापन कार्य नहीं हो पा रहे हैं। वहीं पोर्टल अपडेट नहीं हुए हैं। पीओएस मशीन में अपलोडिंग की प्रक्रिया भी बंद पड़ी हुई है।
प्रभाव का करा रहे आकलन
सहकारी समितियों की दुकानों से वितरण नहीं हो पा रहा है। हड़ताल का कितना असर हो रहा है इसका आकलन कराया जा रहा है। जेएसओ व एसओ को निर्देश दिए हैं कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई कराएं। वितरण की वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में भी विचार किया जा रहा है।
जेएल चौहान, आपूर्ति नियंत्रक
Created On :   10 March 2018 2:43 PM IST