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विषाक्त तेल से तैयार हो रहा था नमकीन, बेसन में खेसरी की मिलावट ,खाद्य विभाग ने दी दबिश

डिजिटल डेस्क, कटनी। सरकार की सख्ती के बाद मिलावटी खाद्य पदार्थों की कहानी प्याज की छिलके के तरह उतरती जा रही है। एक पखवाड़े पहले तक जहां तुम्हारी भी जय-जय, हमारी भी जय-जय न तुम जीते न तुम हारे जैसे गीत गाकर दुकानदारों के साथ विभाग के अधिकारी गलबहियां खेल रहे थे, अब कलेक्टर के निर्देश के बाद कानून का पाठ पढ़ाने के लिए दुकानों में दबिश दे रहे हैं। सोमवार को खैबर लाईन माधवनगर में दीपक नमकीन एवं धैर्य फूड दुकान में खाद्य औषधि प्रशासन और खाद्य आपूर्ति विभाग ने दबिश दी। यहां घटिया तेल और मिलावटी बेसन से नमकीन बनाने का काम किया जा रहा था।
जले तेल का उपयोग
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार धैर्य फूड प्रोडक्ट में नमकीन बनाने में काले रंग के पॉम ऑयल का उपयोग किया जा रहा था। पॉम ऑयल का बार-बार उपयोग करने पर वह टॉक्सिक हो जाता है। जो कि विषाक्त और स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त हानिकारक हैं। दीपक नमकीन में चना दाल के साथ प्रतिबंधित तेवड़ा दाल मिश्रित बेसन का उपयोग किया जा रहा था। दोनों जगहों से सेम्पल लिए गए। कार्यवाही में सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी केएस
 भदौरिया, खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय गुप्ता शामिल रहे।
ऐसा समझें मुनाफा
एक किलो नमकीन बनाने में लगभग सात सौ ग्राम तेल और नौ सौ ग्राम बेसन की आवश्यकता होती है। एक किलो नमकीन तैयार करने 70 रुपये का तेल और 50 रुपए का बेसन लगता है। साथ में मजदूरी दर और ईंधन का खर्च अलग से है। अधिक मुनाफा और कम लागत के चक्कर में दूषित हानिकारक तेल और मिश्रित बेसन का उपयोग करने पर लागत में बीस से तीस प्रतिशत कमी आ जाती है। जिसके बाद यह नमकीन दुकानदार को सौ से एक सौ रुपए प्रति किलो पड़ता है। जिसे बाजार में 160 रुपए लेकर 200 रुपए किलो तक बेचते हैं।
इनका कहना है
दूषित खाद्य पदार्थों, दूध एवं दूध से बनी सामग्री सहित मिलावटखोरी पर सतत कार्यवाही की जा रही है। मिलावटखोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा,जन सामान्य के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्यवाही होगी। - एस.बी.सिंह, कलेक्टर
Created On :   30 July 2019 2:08 PM IST









