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बांधों में औसत 27 प्रतिशत जल भराव, 17 हजार हेक्टेयर में सिंचाई पर संकट
डिजिटल डेस्क,कटनी। सूखे की मार झेल रहे किसानों को रबी फसल के लिए सिंचाई करने जलाशयों से पानी नहीं मिलेगा। जिले के किसी जलाशय में इतना पानी नहीं है कि सिंचाई के लिए किसानों को पानी दिया जा सके। जल संसाधन विभाग के जलाशयों में इस बार औसत 27 प्रतिशत ही पानी है। जिससे सिंचाई के लिए पानी देने से साफ इंकार कर दिया गया है।
कटनी जिले में जल संसाधन विभाग के कुल 120 जलाशय हैं इनमें से 89 जलाशयों से ही खरीफ और रबी फसलों में सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है। 31 जलाशय ऐसे हैं जो वर्षों पुराने हैं और उनमें पानी का भराव नहीं होता है। ये जलाशय सिंचाई के लिए अनुपयुक्त हो चुके हैं।
17390 हेक्टेयर है सिंचाई का रकबा
जानकारी के अनुसार कटनी जिले में जल संसाधन विभाग के सभी जलाशयों से वर्ष 2016-17 में रबी सीजन में 19390 हेक्टेयर में सिंचाई हुई है। इस बार एक हेक्टेयर में भी सिंचाई होने की स्थिति नहीं है। खरीफ फसल के लिए लक्षित रकबा 12953 में से मात्र 7571 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी दिया गया। पुराने जलाशयों का भराव क्षेत्र कम होने से उनकी सिंचाई क्षमता भी घटती जा रही है। जिले के सभी 120 जलाशयों की रूपांकित सिंचाई क्षमता खरीफ फसल में 26068 हेक्टेयर है। वर्ष 2016-17 में खरीफ फसल के लिए 8928 हेक्टेयर में ही पानी दिया गया।
यह है जलाशयों के भराव की स्थिति
जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अल्पवर्षा के कारण रीठी उप संभाग के 28 जलाशयों में 24 प्रतिशत जल भराव हुआ है। इनमें कुछ तो ऐसे हैं जो दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाए हैं। जिनमें गुरजी, सिमरार जलाशयों में सात प्रतिशत, पौंड़ी पड़रिया में नौ प्रतिशत जल भराव हुआ है। सबसे गंभीर स्थिति ढीमरखेड़ा अनुविभाग की है, यहां के 23 जलाशयों में 11 फीसदी ही जल भराव हुआ है। बरही उपसंभाग के 19 जलाशयों में 24 प्रतिशत एवं बहोरीबंद उप संभाग के 19 जलाशयों में 41 प्रतिशत भराव हुआ है।
23 जलाशयों में तकनीकी खामी
विभाग ने अपनी रिपोर्ट में स्वीकार किया है कि जिले के 23 जलाशयों में तकनीकी खामियां हैं। ज्यादातर में स्लूस गेट, बेसिन एवं वेस्टवियर केफाउंडेशन में लीकेज है। जिन जलाशयों में तकनीकी खामियां हैं उनमें इमलिया, गोरहाबंधा, बसुधा, चिखला, पटौहा, अहिरगवां, बरेहटा,पौंड़ीपड़रिया, घंघरी, माल्हन, झिर्री, सिमरहा, जामुनचुआ, पहरूआ, सरसवाही,खम्हरिया, किसगी, किसगी गजनंदा, छपरा, सलैया, कछरगांव एवं पटनेनाला जलाशय हैं।
जल संसाधन कार्यपालन यंत्री व्ही.के.तिवारी का कहना है कि अल्पवर्षा के कारण कटनी डिवीजन के ज्यादातर जलाशयों में क्षमता से कम जलभराव हुआ है। जलाशयों में औसत 27 प्रतिशत जल भराव होने से रबी सीजन कीफसलों की सिंचाई के लिए पानी देना संभव नही है। शासन को विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है।
Created On :   10 Nov 2017 6:36 PM IST