कोरोनारोधी टीके की वापसी के लिए अदालत पहुंचे और पांच अस्पताल

For the return of the anti-coronavirus vaccine, reached the High Court and five hospitals
कोरोनारोधी टीके की वापसी के लिए अदालत पहुंचे और पांच अस्पताल
हाईकोर्ट कोरोनारोधी टीके की वापसी के लिए अदालत पहुंचे और पांच अस्पताल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य भर में निजी कोविड केंद्रों में इस्तेमाल न हो सके कोविडरोधी टीके को वापस लेने की मांग को लेकर और पांच अस्पताल बांबे हाईकोर्ट पहुंचे है जबकि हाईकोर्ट ने कोविशिल्ड टीके को बनानेवाले सिरम सिरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (सीसीआई) से जानना चाहा है कि क्या उसके पास टीकों को वापस लेने की कोई नीति है। हाईकोर्ट पहुंचे पांच अस्पतालों में से तीन अस्पताल पुणे के हैं जबकि दो अस्पताल अहमद नगर के हैं। इससे पहले नालासोपारा के एक मटैरनिटी होम ने भी इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। 

याचिका में मुख्य रुप से इस्तेमाल न हो सके टीकों को वापस लेने के लिए एक समान नीति बनाने व टीकों को नष्ट होने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को टीका वापस लेने की सलाह दी है। कर्नाटक व तमीलनाडू में केंद्र सरकार की इस सलाह का पालन हो रहा है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस्तेमाल न हो सके टीके की अदला बदली व समाप्त होने के कगार पर पहुंच गए टीकों को वापस न लेने के आदेश को रद्द किया जाए। 

गुरुवार को सभी याचिकाएं न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति माधाव जामदार की खंडपीठ के सामने याचिकाए सुनवाई के लिए आयी। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने इस मामले में सिरम इंस्टीच्यूट से पूछा कि क्या उसके पास टीके को वापस लेन के संबंध में कोई नीति हैॽ अस्पतालों की ओर से दायर की गई याचिका में दावा किया गया है कि अस्पतालों व निजी कोविड केंद्रों ने जनहित में एक टीके को 630 रुपए में खरीदा था। जबकि सरकार को यह टीका 150 रुपए में मिला है। किंतु केंद्र  ने बीच में अपनी नीति में बदलाव करके सभी के लिए मुफ्त में टीके की घोषणा कर दी। जिसके चलते अब कोई निजी टीकाकरण केंद्रों पर कोई टीके के लिए नहीं आ रहा है। इससे निजी अस्पतालों को काफी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ा रहा है। जबकि सिरम सिर्फ अपने व्यवसायिक हितों को देख रहा है। जो कि पूरी तरह से अनुचित है। केंद्र सरकार ने जनहित में सिरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया को कोविशिल्ड बनाने के लिए करीब तीन हजार करोड़ रुपए प्रदान किए हैं। ऐसे में सरकार व सिरम को निजी कोविड केंद्रों की परेशानी पर विचार करना चाहिए। याचिका के अनुसार टीके के वितरण के तरीके के चलते यह परेशानी हुई है। क्योंकि निजी केंद्रों को कम से कम तीन हजार टीके लेने के लिए कहा गया था। खंडपीठ ने याचिका पर 5 मई को सुनवाई रखी है।

 

Created On :   28 April 2022 8:51 PM IST

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