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लोगों को ठगने वाली सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है : चव्हाण
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने निशाना साधते कहा कि इस सरकार ने लोगों को ठगा है। अब सरकार का असली चेहरा जनता के सामने आया है। विधान भवन परिसर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि जनता से जो वादे किए गए थे, वे पूरे नहीं हुए हैं। किसानों की संपूर्ण कर्जमुक्ति नहीं हुई है। सिर्फ विज्ञापन देकर कर्ज मुक्ति हुई है। जनता के पैसों को विज्ञापन पर खर्च किया गया। 89 लाख किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की गई। सच बाहर आने के बाद सरकार ने 41 लाख किसानों की कर्जमाफी की बात कही।
कर्जमाफी के नाम पर हुए घोटाले की जांच होनी चाहिए। राष्ट्रीयकृत बैंकों ने सरकार को बैंक खातों की गलत जानकारी दी है। सरकार ने बैंकों के अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। केवल अधिकारी का तबादला करके कार्रवाई करने का दिखावा किया गया है। सरकार का असली चेहरा सामने आने के बाद जनता में भयंकर रोष है। किसानों के हाथ कुछ नहीं मिला। किसान आत्महत्याएं जारी हैं। सरकार को गलत खाते की जानकारी देने पर हमने रिजर्व बैंक के गवर्नर से संपर्क किया, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया।
25 साल से शिक्षकों को दिए जा रहे हैं गैर-शैक्षणिक काम
उधर प्रदेश भर में शिक्षकों ने गैर-शैक्षणिक कामकाज दिए जाने के खिलाफ आंदोलन छेड़ रखा है। शिक्षकों की दलील है कि उन्हें अध्यापन कार्य के अलावा भी कई तरह के कार्य दिए जाते हैं, जिससे उनके शैक्षणिक कार्य में बाधा पहुंचती है। इस मुद्दे पर राज्य शिक्षामंत्री विनोद तावड़े ने कई अहम बातें कहीं। तावड़े ने कहा कि शिक्षकों को अध्यापन के अलावा जो गैर-शैक्षणिक कामकाज दिए जा रहे हैं, वो अब से नहीं, बल्कि बीते 25 वर्षों से दिए जा रहे हैं। पुरानी सरकार जाने के बाद जब नई सरकार आई, तब से ही शिक्षकों का विरोध बढ़ा है।
उन्होंने इस विरोध-प्रदर्शन में शामिल शिक्षक नेताओं को राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के इस पुराने दर्द का कारण अकेला शिक्षा विभाग नहीं है। अधिकांश समय जिला परिषद और महानगर पालिकाओं के शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कामकाज दिए जाते हैं। उन्हें उनके संबंधित विभाग ही यह काम सौंपते हैं। शिक्षा विभाग की भूमिका केवल उन्हे अनुदान देने तक ही सीमित है। तावड़े ने अागे कहा कि शिक्षकों की बेहतरी के लिए उन्हें गैर-शैक्षणिक काम-काज सौंपना बंद करना होगा। इसके लिए वे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से चर्चा करके जल्द ही समाधान निकालेंगे।
1300 स्कूल बंदी पर भ्रमित कर रहे शिक्षक नेता
प्रदेश में 10 से कम विद्यार्थी संख्या वाले 1317 स्कूलों को राज्य सरकार बंद करने जा रही है। यहां के विद्यार्थियों-शिक्षकों को नजदीकी स्कूलों में समायोजित किया जाएगा। तावड़े ने कहा कि कई शिक्षक नेता इस मामले में भ्रामक जानकारी फैला रहे हैं कि स्कूल बंदी से 2 लाख विद्यार्थियों का नुकसान होगा, जबकि हकीकत यह है कि 1317 स्कूल दस से कम विद्यार्थी संख्या वाले हैं। इससे सिर्फ 13000 विद्यार्थियों को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित किया जा रहा है। उन्होंने शिक्षक विधायकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ऐसे विधायकों को या तो सही जानकारी नहीं है या फिर वे जानबूझ कर शिक्षकों को भ्रमित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को ऐसे नेताओं से बच कर रहना चाहिए।
Created On :   12 Dec 2017 6:30 PM GMT