भ्रष्टचार व वसूली से जुड़े मामले में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को मिली जमानत

Former Home Minister Anil Deshmukh got bail in the case related to corruption and extortion
भ्रष्टचार व वसूली से जुड़े मामले में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को मिली जमानत
सीबीआई जाएगी सुप्रीम कोर्ट भ्रष्टचार व वसूली से जुड़े मामले में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को मिली जमानत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार व सौ करोड़ रुपए की वसूली से जुड़े मामले में आरोपी राज्य के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को जमानत प्रदान कर दी है। लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस के पार्टी के नेता देशमुख को अभी दस दिनों और जेल में रहना होगा। क्योंकि सीबीआई के आग्रह पर हाईकोर्ट ने जमानत प्रदान करने के अपने आदेश पर दस दिनों तक के लिए रोक लगा दी है ताकि सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके। हाईकोर्ट ने 8 दिसंबर 2022 को मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। जिसे न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक ने सोमवार को सुनाते हुए आरोपी देशमुख को एक लाख रुपए के मुचलके पर जमानत प्रदान कर दी और उन्हें जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। इससे पहले हाईकोर्ट ने 4 अक्टूबर 2022 को देशमुख को मनीलांडरिग से जुड़े मामले में जमानत प्रदान की थी। इस तरह से अब देशमुख को अब मनीलांडरिंग व भ्रष्टाचार से जुड़े दोनों मामले में जमानत मिल चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने देशमुख को नवंबर 2021 को मनीलांडरिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। जबकि सीबीआई ने अप्रैल 2022 में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था। तब से देशमुख मुंबई के आर्थर रोड जेल में न्यायित हिरासत में बंद है। 

इससे पहले 74 वर्षीय देशमुख को सीबीआई की विशेष अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए देशमुख ने वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी व अधिवक्ता अनिकेत निकम के माध्यम से हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। इसके बाद न्यायमूर्ति एमएस कर्णीक ने 6 दिसंबर से देशमुख के जमानत आवेदन पर सुनवाई शुरु की थी। इस दौरान देशमुख की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने दावा किया था कि मेरे मुवक्किल की सेहत ठीक नहीं है। इसके अलावा उन्हें मनीलांडरिग से जुड़े मामले में जमानत मिल चुकी है। इस प्रकरण से जुड़े गवाह बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे का बयान भरोसे लायक नहीं है। सीबीआई की ओर से देशमुख के खिलाफ दर्ज किया गया मामला आधारहीन है। इसलिए देशमुख को जमानत प्रदान की जाए। वहीं सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने देशमुख की जमानत का कड़ा विरोध  किया था।

मार्च 2021 में तत्कालीनी मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर दावा किया था कि तत्कालीनी गृहमंत्री देशमुख ने पुलिस अधिकारी को बार व रेस्टोरेंट से सौ करोड़ रुपए की वसूली का टार्गेट दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सीबीआई को इस मामले की प्रारंभिक जांच का निर्देश दिया था। सीबीआई ने प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआई ने देशमुख  के खिलाफ भ्रष्टाचार व पद के दुरुपयोग के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी।
 

Created On :   12 Dec 2022 8:10 PM IST

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