बोर्ड परीक्षाओं के समय स्कूलों में होने वाले आयोजन पर पूर्व सांसद ने जताई आपत्ति

Former MPs objected to organizing school fest during boards
बोर्ड परीक्षाओं के समय स्कूलों में होने वाले आयोजन पर पूर्व सांसद ने जताई आपत्ति
बोर्ड परीक्षाओं के समय स्कूलों में होने वाले आयोजन पर पूर्व सांसद ने जताई आपत्ति

डिजिटल डेस्क बालाघाट। आगामी 1 मार्च से संचालित होने वाली दसवीं एवं बारहवी बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा 13 फरवरी को आदेश जारी करते हुए विद्यालय के खेल मैदानों में किसी भी प्रकार के आयोजन को प्रतिबंधित किया गया है। इस आदेश के बावजूद बालाघाट मुख्यालय में आगामी 7 मार्च से 9 मार्च तक उत्कृष्ट विद्यालय के खेल मैदान में जैविक-अध्यात्मिक कृषक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्री श्री रविशंकर के अलावा मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। जिसको लेकर पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने सवाल उठाये है।
                                                 निज निवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने आरोप लगाया कि परीक्षा के दौरान ऐसे आयोजन और नियमों को ताक पर रखकर किये जा रहे ऐसे आयोजन में मुख्यमंत्रीद्वय का शामिल होना। यह प्रदर्शित करता है कि शासन को देश के बच्चों के भविष्य से ज्यादा अपनी राजनीति करना है, उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं के दौरान तीन दिवसीय आयोजन में जिले के बोर्ड परीक्षार्थियों पर इसका विपरित असर पड़ेगा और इसका सीधा असर उनके परीक्षाफल पर होगा। उन्होंने मैदान के उपयोग पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस मैदान के आसपास ही अन्य स्कूुल है, जहां इस आयोजन से होने वाली बोर्ड परीक्षाओं में व्यवधान होगा। इसलिए इस काम को उत्कृष्ट विद्यालय मैदान में होने से रोका जाये । उन्होंने कहा कि जिले का किसान कर्ज, अल्पमानसुन और ओलावृष्टि से वैसे ही प्रभावित और परेशान है, ऐसे में इन आयोजनों पर बड़ी धनराशि के दुरूपयोग को रोककर सरकार इसी धनराशि से किसानों को राहत और मदद दिलायें।
    उन्होंने कहा कि जिले के किसान को जैविक और अध्यात्मिक खेती से ज्यादा उसके खेत में पड़ी ओलावृष्टि से खराब फसल के मुआवजा का इंतजार है। जिले के ओलावृष्टि लालबर्रा क्षेत्र के औल्हयाकन्हार, बिठली, जबरटोला, बघोली, टेकाड़ी, ब्रम्हनी, डोरली, कटंगी, घोटी, बबरिया और परसवाड़ा क्षेत्र के उड़दना, चंदना, कनई, घोड़ादेही, सुकड़ी, कुकड़ा, मोहगांव, मड़काटोला, बीजाटोला, सकरी, तीनगढ़ी, सेमरटोला, देवसर्रा, पाटादाह, पादरीगंज और सोनखार क्षेत्र में किसान खासे प्रभावित हुए है और उनका अब तक सर्वे नहीं किया गया है। जबकि पूर्व ही जिले में अल्पमानसुन और कर्ज से परेशान तीन किसानों ने आत्महत्या कर ली, जिन्हें सरकार अब तक उचित मुआवजा नहीं दिलवा सकी है और ऐसे में जैविक-अध्यात्मिक खेती का आयोजन कर किसानों के जले पर नमक छिड़कने का काम सरकार द्वारा शासकीय राशि के दुरूपयोग से किया जा रहा है। जिसकी वह कड़ी निंदा करते है।

 

Created On :   27 Feb 2018 4:56 PM IST

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