10वीं के छात्रों के मूल्यांकन के लिए फार्मुला तय नहीं, हाईकोर्ट में स्टेट बोर्ड ने दी जानकारी 

Formula not decided for evaluation of 10th students, State Board gave information in High Court
10वीं के छात्रों के मूल्यांकन के लिए फार्मुला तय नहीं, हाईकोर्ट में स्टेट बोर्ड ने दी जानकारी 
10वीं के छात्रों के मूल्यांकन के लिए फार्मुला तय नहीं, हाईकोर्ट में स्टेट बोर्ड ने दी जानकारी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि उसने अब तक ऐसा कोई फॉर्मूला तय नहीं किया है, जिसके तहत कक्षा दसवीं के उन विद्यार्थियों के अंकों का मूल्यांकन किया जाएगा। जिनकी परीक्षा इस साल कोरोना के चलते रद्द की गई हैं। राज्य सरकार ने पिछले माह कक्षा दसवीं की परीक्षा रद्द करने का निर्णय किया था। जिसके खिलाफ पुणे निवासी धनजंय कुलकर्णी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में राज्य बोर्ड के अलावा सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड़ द्वारा कक्षा दसवीं की परीक्षा को रद्द करने के फैसले को भी चुनौती दी गई है।  

सोमवार को यह याचिका न्यायमूर्ति एस जे काथावाला न्यायमूर्ति एसपी तावड़े की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता उदय वरुनजेकर ने कहा कि हर बोर्ड़ की मार्किंग की व्यवस्था अलग-अलग है। जिससे कक्षा 11 वी के प्रवेश के दौरान विद्यार्थियों को काफी परेशानी होगी। इसलिए जरूरी है कि इस मामले में केंद्र सरकार हस्तक्षेप करें औरविद्यार्थियों के अंकों के मूल्यांकन को लेकर एक समरुप नीति तैयार करें। 

वहीं केन्द्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता संदेश पाटिल ने कहा कि केंद्र सरकार का कुछ हद तक सीबीएसई बोर्ड पर नियंत्रण है लेकिन महाराष्ट्र राज्य बोर्ड (एसएससी बोर्ड़) तथा आईसीएसई बोर्ड स्वायत्त हैं। इसलिए केंद्र सरकार का इन शिक्षा बोर्ड पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सीबीएसई के10वीं के छात्रों के मूल्यांकन के लिए एक अधिसूचना जारी की है कि सीबीएसई के छात्रों को बगैर परीक्षा के किस तरह अंक दिए जाए। एसएससी बोर्ड व आईसीएसई बोर्ड चाहे तो इस फार्मूले को अपना सकते हैं। 

इससे पहले एसएससी बोर्ड की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता किरण गांधी ने कहा कि एसएससी बोर्ड ने अब तक विद्यार्थियों को अंक देने के बारे में कोई फॉर्मूला नहीं बनाया। बोर्ड की परीक्षा से जुड़ी कमेटी फॉर्मूला तैयार कर राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेजेगी। इस लिहाज से देखा जाए तो मौजूदा याचिका अपरिपक्व है। मामलों से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने एसएससी बोर्ड, आईसीएसई व सीबीएसई बोर्ड तथा राज्य सरकार को याचिका पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया और याचिका पर सुनवाई 19 मई 2021 तक के लिए स्थगित कर दी। याचिका में दावा किया गया है कि जब कक्षा 12 वीं की परीक्षा ली जा सकती है तो दसवीं की परीक्षा क्यों नहीं आयोजित की जा सकती है। इसलिए सरकार को एक तय समय के भीतर कक्षा दसवीं की परीक्षा आयोजित करने के बारे में निर्णय लेने का निर्देश दिया जाए। क्योंकि परीक्षा का रद्द होना विद्यार्थियों के हित में नहीं है। 

 

Created On :   17 May 2021 7:18 PM IST

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