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हो गया फार्मूला तैयार - जून के अंत तक घोषित होगा 10वीं का रिजल्ट, संतुष्ट न होने पर मिलेगा एग्जाम का मौका
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बाम्बे हाईकोर्ट के कड़ी फटकार के बावजूद प्रदेश सरकार राज्य बोर्ड (एसएससी) की कक्षा दसवीं की परीक्षा आयोजित न करने के फैसले पर कायम है। सरकार ने कोरोना संकट के चलते शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में कक्षा दसवीं के सभी विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर उत्तीर्ण करने का फैसला किया है। कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम जून महीने के आखिरी तक घोषित किए जाएंगे। कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों को 11 वीं में वैकल्पिक सीईटी (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) अथवा आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के आधार पर दाखिला दिया जाएगा। शुक्रवार को प्रदेश की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के आंतरिक मूल्यांकन नीति की घोषणा की। राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग ने कक्षा दसवीं के मूल्यांकन और कक्षा ग्याहरवीं में प्रवेश प्रक्रिया के बारे में शासनादेश भी जारी किया है। गायकवाड ने कहा कि कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों का प्रत्येक विषय का 100 अंकों का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके आधार पर कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे।
ऐसे होगा विद्यार्थियों का आंतरिक मूल्यांकन
कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के हर विषय का 100 अंकों का मूल्यांकन स्कूल के स्तर पर होगा। इसमें विद्यार्थियों के कक्षा नौवीं की अंतिम परीक्षा रिजल्ट के 50 प्रतिशत अंक और कक्षा 10 वीं के विभिन्न मूल्यांकन से 50 फीसदी अंक जोड़े जाएंगे। कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों को साल भर के आंतरिक लिखित मूल्यांकन के 30 अंक दिए जाएंगे। जबकि होम असाइनमेंट, मौखिक परीक्षा और प्रैक्टिकल परीक्षा के आधार पर 20 अंक दिए जाएंगे। जबकि संबंधित विद्यार्थी के कक्षा नौवीं के अंतिम परीक्षा परिणाम के विषयवार 50 प्रतिशत दिए जाएंगे। गायकवाड ने कहा कि जो विद्यार्थी मूल्यांकन पद्धति के रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे उन्हें कोरोना संकट खत्म होने के बाद राज्य बोर्ड की प्रचलित पद्धति के अनुसार अंकों में सुधार के लिए दो बार परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा।
स्कूली शिक्षामंत्री गायकवाड ने कहा कि कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के मूल्यांकन प्रक्रिया पूरा करने के लिए राज्य बोर्ड की ओर से जल्द ही टाइम टेबल घोषित किया जाएगा। सभी स्कूलों को टाइम टेबल का पालन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कक्षा नौवीं की परीक्षा कोरोना संकट के पहले हुई है। इसलिए विद्यार्थियों को कक्षा नौवीं के रिजल्ट के आधार पर 50 फीसदी अंक देने का फैसला लिया गया है जबकि 50 फीसदी कक्षा दसवीं के मूल्यांकन के आधार पर प्रदान किए जाएंगे।
पुनर्परीक्षा और श्रेणी सुधार
गायकवाड ने बताया कि पुनर्परीक्षार्थी और निजी विद्यार्थी यानी फार्म नंबर 17 भरकर परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के लिए भी मूल्यांकन नीति लागू रहेगी। श्रेणी सुधार योजना अंतर्गत विद्यार्थियों के लिए आगे एक अथवा दो अवसर की सुविधा कायम रहेगी।
नियमन के लिए समिति
गायकवाड ने कहा कि कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम जून के आखिरी तक घोषित किए जाएंगे। स्कूल स्तर पर विद्यार्थियों के रिजल्ट के नियमन के लिए मुख्याध्यापक की अध्यक्षता में सात सदस्यों की समिति होगी। परीक्षा परिणामों के रिकॉर्ड की जांच विभागीय स्तर पर स्कूली शिक्षा विभाग के अधिकारी करेंगे। स्कूल के स्तर पर कदाचार अथवा रिकॉर्ड में हेराफेरी करने पर संबंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
विद्यार्थियों को ऐसे मिलेगा कक्षा ग्याहरवीं में प्रवेश
गायकवाड ने कहा कि कक्षा दसवीं में उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों को कक्षा ग्याहरवीं में प्रवेश के लिए दो विकल्प होंगे। कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों को ग्याहरवीं में प्रवेश के लिए 100 अंकों की वैकल्पिक सीईटी ली जाएगी। यानी विद्यार्थी इच्छा के अनुसार सीईटी परीक्षा में बैठ सकते हैं। सीईटी परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को कक्षा ग्याहरवीं में दाखिले के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद बची हुई सीटों पर मूल्यांकन पद्धति से पास होने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। गायकवाड ने बताया कि कक्षा ग्याहरवीं में प्रवेश के लिए कक्षा दसवीं के पाठ्यक्रमों के आधार पर 100 अंकों की सीईटी होगी। सीईटी में बहुपर्यायी प्रश्न और ओएमआर पद्धति से 2 घंटे की परीक्षा होगी। इसमें राज्य बोर्ड के अलावा दूसरे बोर्ड के विद्यार्थी भी बैठ सकेंगे।
Created On :   28 May 2021 5:22 PM IST