खुद को आर्मी अफसर बताकर कर रहे ठगी, व्यापारियों को निशाना बना रहे नटवरलाल

Fraud by calling himself an army officer, targeting to traders
खुद को आर्मी अफसर बताकर कर रहे ठगी, व्यापारियों को निशाना बना रहे नटवरलाल
साइबर अपराध खुद को आर्मी अफसर बताकर कर रहे ठगी, व्यापारियों को निशाना बना रहे नटवरलाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर. ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से ठगी के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। उपराजधानी में साइबर अपराधों के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामले में आर्मी के अधिकारियों के नाम पर बड़े व्यापारी और दुकानदारों को निशाना बनाया जा रहा है। आर्मी का नाम आते ही सहज ही व्यापारी विश्वास कर लेते हैं, लेकिन ठग इस विश्वास की आड़ में लाखों की चपत लगा रहे हैं। इस ठगी में आॅनलाइन डिलीवरी की सुविधा देने वाले व्यापारियों को निशाने पर रखा गया है। पिछले तीन माह में करीब 20 से अधिक मामले में आर्मी अधिकारी बनकर ठगी को अंजाम दिया गया है। इन सभी मामलों के बाद साइबर क्राइम विभाग ने व्यापारियों से कथित आर्मी अधिकारी के झांसे से बचने की एडवाइजरी जारी की है, इसके साथ ही आॅनलाइन पेमेंट भुगतान प्रक्रिया के दौरान रकम के दोगुने होने के लालच में भी नहीं फंसने की जानकारी दी गई है। साइबर अपराध का शिकार होने पर तत्काल पुलिस से सहायता लेने की भी सलाह दी गई है। 

Case 1-  दोगुनी रकम देेने का दिया झांसा

15 दिन पहले रामनगर परिसर के एक व्यवसायी की टाइल्स की आॅनलाइन डिलीवरी का विज्ञापन देखकर आर्मी अधिकारी ने संपर्क किया। चंडीगढ़ के आर्मी कैंट में बड़े पैमाने में टाइल्स की आवश्यकता होने पर करीब 12 लाख रुपए की टाइल्स की बुकिंग की गई। टाइल्स की डिलीवरी से पहले 3 लाख रुपए की एडवांस रकम का भुगतान करना था। टाइल्स की गाड़ी को एयरपोर्ट में भेजने का निर्देश दिया गया। एयरपोर्ट पर गाड़ी पहुंचने पर कथित आर्मी अधिकारी के आॅनलाइन खाते में तकनीकी समस्या के चलते भुगतान नहीं हो पाने का कारण बताया। व्यापारी को भुगतान पाने के लिए आर्मी अधिकारी ने खुद के खाते में रकम डालने का निर्देश दिया। इस रकम को डालने पर आर्मी के नियमों के तहत दोगुना भुगतान करने की जानकारी भी दी। विश्वास जताने के लिए दो मर्तबा 100 और 1,000 रुपए की राशि को दोगुना कर दिया भी गया। व्यापारी को रकम दोगुना होने का लालच होने पर 1.50 लाख रुपए का आॅनलाइन भुगतान किया गया, लेकिन रकम वापस नहीं आने पर आर्मी अधिकारी के मोबाइल पर संपर्क किया तो मोबाइल बंद आने लगा। ठगी का अहसास होते ही साइबर पुलिस में शिकायत की गई है।

Case 2-  10 हजार का लगाया चूना

सप्ताह भर पहले अंबाझरी इलाके के तेल व्यापारी को भी आर्मी के आला अधिकारी ने आर्मी कैंटीन के लिए 50 पीपा तेल की आपूर्ति करने का निर्देश दिया। एडवांस के रूप में 10,000 रुपए का भुगतान करना था, लेकिन गूगल-पे में तकनीकी समस्या होने से भुगतान नहीं हो पा रहा था। ऐसे में व्यापारी के खाते से गूगल-पे करने पर दोगुना राशि मिलने का झांसा दिया गया। व्यापारी ने लालच में आकर 10,000 रुपए का भुगतान कर दिया, लेकिन रकम वापस खाते में नहीं आई। संपर्क करने का प्रयास करने पर मोबाइल क्रमांक बंद आ रहे हैं।

आर्मी टेंडर प्रक्रिया से देती है ऑर्डर

भारतीय सेना के नियमों के मुताबिक किसी भी सामग्री को खरीदी के लिए टेंडर प्रक्रिया की जाती है। किसी भी अधिकारी को निजी तौर पर सामग्री खरीदी करने की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में व्यापारियों और आम नागरिकों ने सतर्कता बरतनी चाहिए।

कैसे देते ठगी को अंजाम

साइबर अपराधी लगातार ऑनलाइन विज्ञापनों पर नजर रखते हैं। बड़े व्यापारियों की ओर से अपने उत्पादों एवं सामग्री की ऑनलाइन डिलीवरी सेवा के विज्ञापनों में दर्ज मोबाइल नंबर के आधार पर संपर्क किया जाता है। व्यापारी से संपर्क होने पर आर्मी अधिकारी होने की जानकारी देकर विश्वास हासिल किया जाता है। इसके बाद सामग्री का बड़ा आॅर्डर तैयार कर एडवांस रकम को भेजने के लिए गूगल-पे और पेटीएम क्रमांक लिया जाता है। तकनीकी समस्या होने या सर्वर में परेशानी से एडवांस की राशि ट्रांसफर नहीं होने की जानकारी देकर व्यापारी को कुछ रकम अपने खाते से ट्रांसफर करने का निर्देश दिया जाता है। आर्मी के नियमों के तहत कोई भी रकम को दोगुना कर लौटाने की अनिवार्यता भी बताई जाती है। व्यापारी की ओर से ट्रायल में छोटी रकम भेजने पर दोगुना कर लौटाया भी जाता है। रकम के दोगुना होने के लालच में व्यापारी की ओर से बड़ी रकम ट्रांसफर करते ही गूगल-पे से तत्काल रकम विड्राल कर मोबाइल को बंद कर दिया जाता है। 

तत्काल पुलिस को सूचना दें

अमित भुरे, साइबर विशेषज्ञ, अंबाझरी पुलिस स्टेशन के मुताबिक इंडियन आर्मी के लिए आम आदमी के मन में विश्वास के चलते ठगी को आसानी से अंजाम दिया जा रहा है। आर्मी की ओर से किसी भी काम के लिए टेंडर प्रक्रिया की जाती है। ऐसे में आर्मी अधिकारी के माध्यम से कोई भी खरीदी प्रक्रिया करने का सवाल ही नहीं उठता है। इसके साथ ही किसी भी ग्राहक से ऑनलाइन पेमेंट प्रक्रिया में दोगुना होने के लालच में फंसकर रकम नहीं भेजनी चाहिए। ठगी का शिकार होने पर तत्काल पुलिस से संपर्क कर सहायता लेनी चाहिए। 

 

 

 

 

Created On :   3 April 2022 4:51 PM IST

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