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लोन दिलाने के नाम पर 1.45 करोड़ का फर्जीवाड़ा, 13 आरोपी गिरफ्तार
7 माइक्रो फाइनेंस कंपनी के मैनेजर सहित कर्मचारियों पर कार्रवाई
डिजिटल डेस्क शहडोल । माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के माध्यम से महिलाओं को लोन दिलाने के नाम पर जिले में 1 करोड़ 45 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। जिले पहली बार बड़े फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने सात कंपनियों के दो ब्रांच मैनेजर सहित 13 फील्ड आफीसरों को गिरफ्तार किया है।
शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर एसपी सत्येंद्र शुक्ला ने बताया कि धोखाधड़ी की शिकायतों की जांच के बाद 6 महीने पहले भी कई आरोपियों को पकड़ा गया था। दूसरे चरण की विवेचना में कंपनियों के कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आने के बाद लगभग 1 करोड़ 45 लाख रुपए की हेरा फेरी के स्पष्ट प्रमाण प्राप्त हुए हैं। करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा उजागर होने की और संभावना है। जिले में संचालित माइक्रो फायनेंस कंपनियों के दफ्तरों पर एक साथ पुलिस की विभिन्न टीमों द्वारा कार्रवाई की गई। एलएंडटी फाइनेंस कंपनी के फील्ड ऑफिसर सुमित तिवारी, फहद अहमद जुनजानी, पुष्पेन्द्र श्रीवास्तव, हितेश नामदेव, जयप्रकाश जायसवाल, विकास द्विवेदी (पूर्व से गिरफ्तार), आरबीएल फाइनेंस कंपनी के ब्रांच मैनेजर रामस्वरूप माण्डले फील्ड आफीसर राहुल विश्वकर्मा, सोनाटा कंपनी के फील्ड आफीसर सुजीत यादव, ब्रांच मैनेजर अरविंद राठौर, पहल कंपनी के फील्ड आफीसर राजू रजक व अनिल तिवारी, ब्रांच मैनेजर को भी गिरफ्तार किया गया है। इनके विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471, 120
शासकीय योजनाओं की राशि मिलने का देते थे झांसा
कंपनियों के एजेंट व कर्मचारी गांव-गांव जाकर महिलाओं से शासकीय योजनाओं से राशि मिलने का झांसा देकर लोन लेने के लिए तैयार कर लेते थे। उनसे आधार कार्ड, वोटर आईडी जैसे दस्तावेज लेकर 20 से 30 हजार का लोन निकालते और 2-3 हजार रुपये देकर कहते कि लोन पटाना नहीं पड़ेगा। लेकिन जब कंपनियों के लोग वसूली करने आने लगे तो करीब 200 महिलाओं ने शिकायत दर्ज कराई। विवेचना में महिलाओं द्वारा की गई शिकायत सही पाई गई। एक आधार कार्ड को नंबर बदलकर कई नामों से लोन निकालते और राशि दलालों, फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा आपस में बांट लिए जाते। जनवरी में पकड़ा गया आरोपी लक्ष्मण पनिका मूल आधार कार्ड को स्कैन कर सहयोगी विकास द्विवेदी के प्रिंटर, कम्प्यूटर, लेमीनेशन मशीन की मदद से स्कैन कर बनाए गए लगभग 245 फर्जी आधार कार्डों को जब्त किया गया। कियोस्क संचालक शशिकांत राजपूत के कब्जे से सीपीयू कलर प्रिंटर, मॉनीटर, रजिस्टर, लेमीनेशन मशीन आदि जप्त किया गया। जप्तशुदा आधार कार्डों का सत्यापन ग्राम के सचिव द्वारा किया गया तथा जो फर्जी प्रमाणित पाए गए। ऐसे आधार कार्ड या तो अस्तित्व में नहीं हैं या किसी और के नाम से हैं।बी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध है।
483 प्रकरणों में मिले फर्जी दस्तावेज
पुलिस ने विवेचना के दौरान 15 फाइनेंस कंपनियों के रिकॉर्ड का परीक्षण किया। इनमें प्रथम दृष्टया 7 कंपनियों के 483 लोन प्रकरणों में फर्जी दस्तावेज पाए गए। यह हेराफेरी वर्ष 2019 में की गई। आरोहण फाइनेंस कंपनी में 71 लोन प्रकरणों में फर्जी दस्तावेजों से 18.20 लाख की हेराफेरी की गई। संहिता फाइनेंस के 43 प्रकरणों में 10.75 लाख, आरबीएल फाइनेंस के 33 प्रकरणों में 9.90 लाख, सोनाटा फाइनेंस के 18 प्रकरणों में 4 लाख, एलएण्डटी फाइनेंस के 115 प्रकरणों में 40 लाख 35 हजार, पहल फाइनेंस के 112 मामलों में 33.60 लाख तथा आशीर्वाद फाइनेंस कंपनी के 91 प्रकरणोंं में 27.30 लाख का फर्जीवाड़ा किया गया। दस्तावेज सत्यापन फील्ड आफीसर करते थे, फिर ब्रांच मैनेजर लोन दिलाते थे। कंपनियों के ओर से कोई शिकायत नहीं आई है, जबकि उन्हें लोन की राशि प्राप्त नहीं हो रही है।
इनका कहना है
विवेचना चल रही है। संबंधित कंपनियां भी जांच के राडार में हैं। अभी और करोड़ों के फर्जीवाड़ा सामने आने की संभावना है।
सत्येंद्र शुक्ला, पुलिस अधीक्षक
Created On :   25 July 2020 6:07 PM IST