खुल रही है परत दर परत -चेन सिस्टम बनाकर की पौने दो करोड़ रुपए की धोखाधड़ी

Fraud of two and a half crore rupees is being uncovered by making a layer-by-layer chain system
खुल रही है परत दर परत -चेन सिस्टम बनाकर की पौने दो करोड़ रुपए की धोखाधड़ी
खुल रही है परत दर परत -चेन सिस्टम बनाकर की पौने दो करोड़ रुपए की धोखाधड़ी

एसटीएफ की जाँच में क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क का खुलासा 
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
क्रिप्टो करेंसी  स्कीम में निवेश करने व कम पैसा लगाकर अधिक लाभ कमाने का झाँसा देकर करीब 1 करोड़ 80 लाख की धोखाधड़ी किए जाने की  शिकायत पर एसटीएफ द्वारा मामला दर्ज किया गया था। एसटीएफ भोपाल द्वारा तैयार की गई चार्जशीट में पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ। जाँच में पता चला कि कंपनी द्वारा चेन सिस्टम के जरिए करोड़ों की धोखाधड़ी की गई है। वहीं कंपनी का मास्टर माइंड मदन महल गुप्तेश्वर वार्ड  निवासी रूपिंदर सिंह छाबड़ा था।  ज्ञात हो कि मदन महल क्षेत्र में रहने वाले रूपिंदर सिंह ने मार्च 2017 में ऑनलाइन जीयूसी क्वाइन का काम शुरू किया और उसने खुद का पैसा लगाकर काफी मुनाफा कमाया और फिर उसने अन्य लोगों को भी इसमें जोड़कर उनका पैसा लगवाया और फिर वर्ष 2018 में कंपनी में पैसा लगाने वालों को मुनाफा देना बंद कर दिया था। इसके बाद रूपिंदर ने साजिश के तहत अपने साथी विनीत यादव व राजीव शर्मा के साथ मिलकर एसटीएफ को एक शिकायत की थी। उक्त शिकायत के आधार पर रूपेश राव और ब्रजेश रैकवार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मामले की जाँच की गई तो शिकायत करने वाला रूपिंदर ही मास्टर माइंड निकला था और उसे व उसके साथी विनीत व राजीव को भी एसटीएफ ने आरोपी बनाया था। वर्ष 2018 में मामला दर्ज होने के बाद से रूपिंदर फरार था और उसने एसटीएफ के समक्ष सरेंडर किया। 
फर्जी वेबसाइट तैयार की 
जानकारों के अनुसार निवेशकोंं से धोखाधड़ी करने की नीयत से आरोपियों द्वारा हांगकांग शेयर बाजार की एक फर्जी वेबसाइट बनाई थी। निवेशक इसे हांगकांग की वेबसाइट समझ कर इस कंपनी के जरिए क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने लगे और धोखाधड़ी का शिकार हुए।
चार स्कीमों में कराया निवेश 
एसटीएफ की जाँच में इस बात का खुलासा हुआ कि रूपिंदर ने कंपनी में पैसा लगाने वालों के लिए 4 स्कीम चलाई थी जिसके तहत सिल्वर स्कीम में पैसा लगाने के लिए साढ़े 3 हजार, गोल्ड स्कीम में 35 हजार व डायमंड स्कीम में 70 हजार और प्लेटिनम में डेढ़ लाख जमा करना पड़ता था।     
बड़े शहरों में होती थीं पार्टियाँ 
एसटीएफ की जाँच में इस बात का खुलासा हुआ है कि कंपनी द्वारा निवेशकों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े शहरों में पार्टियाँ आयोजित की जाती थीं। कंपनी द्वारा पार्टी करने के लिए मुंबई, दिल्ली, चंडीगढ़, अमृतसर, जालंधर, भोपाल, ग्वालियर शहरों का चयन किया जाता था। 
जयपुर में था मुख्यालय पता चला है वर्ष 2017-18 में वर्चुअल करेंसी की कीमतें गिरने से कंपनी का कारोबार प्रभावित हुआ इसके बाद कंपनी द्वारा प्लस गोल्ड यूनियन क्वाइन का कारोबार शुरू किया गया और मुख्यालय सर्वर रूम जयपुर में स्थापित किया गया था, वहाँ से ब्रजेश रैकवार व रूपेश राय अपने साथियों के साथ कारोबार संचालित करने लगे थे। 
 

Created On :   19 July 2021 2:25 PM IST

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