सोना डिपॉजिट करनेवाले निवेशक के साथ धोखाधड़ी, फर्जी हस्ताक्षर कोर्ट में पेश कर फंसा आरोपी

Fraud with an investor who deposits gold
सोना डिपॉजिट करनेवाले निवेशक के साथ धोखाधड़ी, फर्जी हस्ताक्षर कोर्ट में पेश कर फंसा आरोपी
सोना डिपॉजिट करनेवाले निवेशक के साथ धोखाधड़ी, फर्जी हस्ताक्षर कोर्ट में पेश कर फंसा आरोपी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। त्रिभुवनदास भीमजी जवेरी एंड संस प्रा लि में एक निवेशक के साथ करीब 38 लाख 85 हजार रुपए के सोने को हजम करने का मामला सामने आया है। निवेशक मनीष देशराज का आरोप है कि उसने 2 प्रतिशत ब्याज के चक्कर में 1450 ग्राम सोना त्रिभुवनदास भीमजी जवेरी एंड संस प्रा लि में एक स्कीम के अंतर्गत निवेश के रुप में डिपॉजिट किया था। शुरूआत में उसे डिपॉजिट किए गए सोना का ब्याज कुछ समय तक मिला। बाद में बंद कर दिया गया। इस बात का खुलासा तब हुआ, जब आरोपी ने अग्रिम जमानत के लिए न्यायालय के समक्ष निवेशक के नाम की रसीद और चेक दिया था। जिस पर निवेशक के फर्जी हस्ताक्षर थे। यह बात न्यायालय के ध्यान में निवेशक ने लाई। न्यायालय के ध्यान में यह बात आने पर मामला दर्ज करने आदेश दिया गया। मनीष ने इस मामले की शिकायत सदर थाने में दर्ज कराई है। सदर थाने के उपनिरीक्षक महीपाले ने मनीष देशराज (50) काटोल रोड निवासी की शिकायत पर त्रिभुवनदास भीमजी जवेरी एंड संस प्रा लि के हेमंत ब्रिजलाल जवेरी उम्र 60 साल रहवासी वरली मुंबई के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार काटोल रोड स्थित वली अपार्टमेंट के फ्लॅट  नं. 3/2 निवासी मनीष देशराज ने हेमंत ब्रिजलाल जवेरी के खिलाफ सदर थाने में धोखाधडी का मामला दर्ज कराया है। मनीष ने पुलिस को बताया कि उन्होंने हेमंत के सदर क्षेत्र में पूनम चेंबर, छावनी, नागपुर स्थित  त्रिभुवनदास भिमजी झवेरी, एन्ड सन्स प्रा.लि. में वर्ष 2015 के दौरान 38 लाख 85 हजार रुपए का 1450 ग्राम सोना एक स्कीम के अंतर्गत 2 प्रतिशत ब्याज की दर से डिपॉजिट किया था। जिसके बाद करीब 3 वर्ष तक उन्हें 2 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया गया। बाद में उन्हें ब्याज देना बंद कर दिया गया।  

जब सोना निवेशक करनेवाले मनीष देशराज ने अपना सोना वापस मांगा तब टालमटोल किया जाने लगा। अंत में उन्होंने सदर थाने में वर्ष 2018 में शिकायत की। तब पुलिस ने आरोपी हेमंत जबेरी के खिलाफ धारा 406,420 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की।

मामला के दर्ज होने के बाद हेमंत जवेरी ने उच्च न्यायालय में जमानत के लिए अर्जी लगाई। इस दौरान आरोपी हेमंत जवेरी के वकील द्वारा मनीष के नाम पर 10 चेक व उसके साथ 6 रसीद न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। मनीष से जब न्यायालय ने इस चेक और रसीद के बारे में पूछताछ की तब मनीष देशराज ने उस चेक औ रसीद का अवलोकन किया। इस दौरान मनीष के ध्यान में आया कि उस रसीद में  सोना वापस मिलने के बारे में लिखा है। उस रसीद पर जो हस्ताक्षर किए गए थे। वह मनीष के नहीं थे। उनके नाम पर फर्जी हस्ताक्षर किया गया था।

मनीष ने यह बात उच्च न्यायालय के ध्यान में लाई। इसके बाद उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि आरोपी हेमंत जवेरी पर फर्जी दस्तावेज पेश करने का भी मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाए। सदर पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। 

Created On :   1 April 2020 3:33 PM IST

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