हुबली ईदगाह मैदान में समारोहों को लेकर ताजा विवाद उभरा

Fresh controversy erupts over celebrations at Hubli Idgah ground
हुबली ईदगाह मैदान में समारोहों को लेकर ताजा विवाद उभरा
कर्नाटक हुबली ईदगाह मैदान में समारोहों को लेकर ताजा विवाद उभरा

डिजिटल डेस्क, हुबली। कर्नाटक के हुबली में ईदगाह मैदान, जिसे एक मिनी अयोध्या के रूप में देखा जाता है और जिसने राज्य में भाजपा के उदय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, आने वाले दिनों में एक बार फिर सांप्रदायिक फ्लैश प्वाइंट बनने की चेतावनी दे रहा है।

ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव के जश्न के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने यहां टीपू सुल्तान की जयंती मनाने की अनुमति मांगी। भाजपा ने 2019 में सत्ता में आने के बाद टीपू जयंती के उत्सव को रोक दिया था। उस समय ईदगाह मैदान में होली, रति-मनमथा त्योहार, ओनाके ओबव्वा जयंती और कनक जयंती मनाने के लिए हिंदू संगठनों के अनुरोधों की बाढ़ आ गई थी।

अधिकारी ईदगाह मैदान के संपादित वीडियो को सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जाने से भी चिंतित हैं, जिसमें इसका नाम स्वतंत्रता सेनानी कित्तूर रानी चेन्नम्मा के नाम पर रखा गया है और यहां भगवा झंडा फहराया गया है। सूत्रों ने कहा कि ताजा विवाद एआईएमआईएम द्वारा टीपू जयंती मनाने के अनुरोध के बाद उभरा है। हुबली-धारवाड़ नागरिक एजेंसी और पुलिस इस घटनाक्रम को लेकर असमंजस में हैं, क्योंकि टकराव की आशंका है।

ईदगाह मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का आंदोलन उस समय तेज हो गया था, जब स्थानीय मुस्लिम संस्था अंजुमन-ए-इस्लाम (एईआई) ने 1992 में तिरंगा फहराने की अनुमति से इनकार कर दिया था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एईआई का समर्थन किया और कहा कि विवादित भूमि पर राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया जा सकता। भाजपा नेता उमा भारती को ईदगाह मैदान जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसके बाद हजारों लोग जमा हो गए और विरोध हिंसक हो गया। पुलिस फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी और सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

एच.डी. देवेगौड़ा के नेतृत्व में राज्य में जद (एस) के सत्ता में आने के बाद इस मुद्दे को सुलझा लिया गया था। सरकार ने अंजुमन-ए-इस्लाम प्रबंधन को 1995 में विवादास्पद स्थल पर तिरंगा फहराने के लिए मना लिया था। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार, मैदान की जमीन अब हुबली-धारवाड़ नगर निगम की संपत्ति है और अंजुमन-ए-इस्लाम को वहां साल में दो बार नमाज अदा करने का अधिकार दिया गया है।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   9 Nov 2022 4:30 PM GMT

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