जनवरी से ऐतिहासिक बीएमसी मुख्यालय में पर्यटक कर सकेंगे हेरिटेज वॉक

From January, tourists will be able to do the heritage walk at the historic BMC headquarters
जनवरी से ऐतिहासिक बीएमसी मुख्यालय में पर्यटक कर सकेंगे हेरिटेज वॉक
जनवरी से ऐतिहासिक बीएमसी मुख्यालय में पर्यटक कर सकेंगे हेरिटेज वॉक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर पालिका (बीएमसी) की ऐतिहासिक इमारत जनवरी महीने से पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। शनिवार, रविवार के साथ छुट्टी के दिनों में पर्यटक  इस इमारत में हेरिटेज वॉक कर सकेंगे। इसके लिए महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल (एमटीडीसी) और बीएमसी के बीच समझौता हुआ है। एमटीडीसी ने स्थानीय टूरिंग एजेंसी खाकी टूर्स को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है।गॉथिक शैली में बनी मुंबई महानगर पालिका की इमारत देसी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। फिलहाल हेरिटेज वॉक से पहले इमारत के रंगरोगन का काम चल रहा है। पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे भी यहां चल रहे मरम्मत कार्य का जायजा लेने पहुंचे। महानगर पालिका का हेरिटेज विभाग इमारत पर्यटकों के लिए खोलने से पहले सभी जरूरी कदम उठा रहा है जिससे इसे किसी तरह का नुकसान न हो। हेरिटेज वॉक के लिए पर्यटकों को टिकट खरीदना होगा जो एमटीडीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। एक गाइड पर्यटकों के साथ होगा जो उन्हें गेट से लेकर यहां लगे पुतले, गुंबद और सभागृह से जुड़ी जानकारी देगा। लोगों को बीएमसी की इमारत में मौजूद मुंबई शहर की मूर्ति और दो इमारतों के बीच स्थित डक फाउंटन दिखाया जाएगा। साथ ही मौजूदा गुंबद के नीेचे क्या है इसकी भी जानकारी दी जाएगी। पर्यटकों को यह भी बताया जाएगा कि 1893 में मौजूदा इमारत बनने से पहले बीएमसी का मुख्यालय कहां था। महानगर पालिका का सुरक्षा विभाग भी इस बात की निगरानी करेगा कि इमारत को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। इमारत में पहले ही 84 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं।

नौ साल में बनकर तैयार हुई थी इमारत

बीएमसी मुख्यालय की ऊंचाई 255 फुट है जबकि  इसके भीतर स्थित केंद्रीय गुंबद की ऊंचाई 235 फुट है। मुख्य द्वार के पास ही मुंबई महानगर पालिका के आयुक्त और चार बार अध्यक्ष रहे सर फिरोजशाह मेहता की पीतल की मूर्ति लगी हुई है। मेहता कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे। बीएमसी मुख्यालय का डिजाइन ब्रिटिश आर्किटेक्ट फ्रेडरिक स्टीवन्स ने तैयार किया था। इसका निर्माण साल 1884 में शुरू हुआ था जबकि इमारत 1893 में तैयार हुई थी। 127 साल पुरानी इस इमारत को  अब पर्यटक भी अंदर से देख सकेंगे।

Created On :   27 Dec 2020 2:13 PM GMT

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