फल और सब्जियों ने बदली महिलाओं की किस्मत, जानिए - एक हजार परिवारों की कैसे बढ़ी आमदनी

Fruits and vegetables changed the fate of women, know how income increased
फल और सब्जियों ने बदली महिलाओं की किस्मत, जानिए - एक हजार परिवारों की कैसे बढ़ी आमदनी
फल और सब्जियों ने बदली महिलाओं की किस्मत, जानिए - एक हजार परिवारों की कैसे बढ़ी आमदनी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के बीच बसे आरे के जंगलों में रहने वाली आदिवासी महिलाओं की किस्मत बदल रही है। एक निजी संस्था ने दो साल पहले इन महिलाओं को फलों और सब्जियों के पेड़ दिए जो अब उनकी आय का जरिया बन गए हैं। यहां के करीब एक हजार आदिवासी परिवार फल और सब्जियां बेंचकर रोजाना कुछ कमाई कर रहे हैं। उम्मीद है कि अगले पांच सालों में यहां रहने वाले आदिवासी ज्यादा खुशहाल होंगे और जिस जंगल के लिए उन्हें खतरा माना जा रहा था वे खुद इसे बचाने के लिए जी जान लगा देंगे।

आरे के जंगल को बचाने के लिए लंबे समय से काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश भोईर ने बताया कि यहां बसे 28 गांवों के लोगों को दो साल पहले फल और सब्जियों के पेड़ देने की शुरूआत की गई। अब यहां उगने वाले फल और सब्जियां बेंचने के लिए स्थानीय आदिवासी सड़कों किनारे करीब 20 दुकाने लगाते हैं। यहां से मुंबईकर बेहद कम कीमत पर ताजा फल और सब्जियां खरीद पाते हैं। यहां रहने वाले आदिवासी परिवारों के पुरूष ऑटो चलाने और मजदूरी करने जैसे काम करते हैं। लेकिन महिलाओं के हाथ में पैसे नहीं आते। लेकिन अब फल और सब्जियां बेंचकर महिलाएं भी पैसे कमा रहीं हैं।

भोईर ने बताया कि यहां के गावों को पिछले दो सालों में साढ़े सात हजार फल और सब्जियों के पेड़ दिए जा चुके हैं, जिससे अब यहां के लोगों की माली हालत सुधरने लगी है।  मिशन ग्रीन मुंबई संस्था से जुड़ी सुभजीत मुखर्जी ने बताया कि पहले लोग आदिवासियों को जंगली पेड़ लगाने के लिए देते थे। इन पेड़ों में उनकी कोई रुचि नहीं थी क्योंकि पर्यावरण के लिए भले ही ये पेड़ फायदेमंद हों। आदिवासी परिवारों को इससे कुछ नहीं मिलता था। इसीलिए वे इन पेड़ों के संरक्षण के लिए ज्यादा कुछ नहीं करते थे। हमने उनसे बात की  और  पूछा कि उन्हें कौन से पेड़ चाहिए तो उन्होंने आम, चीकू, नींबू, अमरूद, नारियल जैसे पेड़ों की मांग की। आदिवासियों को यह पेड़ दिए गए तो उन्होंने पूरी मेहनत इसकी परवरिश की और अब यह उनकी आय का भी जरिया बन गया है।

आदिवासी दिन पर लगेंगे और पेड़

प्रकाश भोईर ने बताया कि 9 अगस्त को आदिवासी दिवस है। इस मौके पर आरे जंगल में रहने वाले आदिवासी परिवारों को ढाई हजार पेड़ और दिए जाएंगे। राज्य सरकार भी माझी वसुंधरा अभियान के तहत इसमें सहयोग करेगी और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। भोईर ने कहा कि आने वाले पांच सालों में आरे में रहने वाले आदिवासियों  के हालात पूरी तरह बदल जाएंगे। यहां उगाए जाने वाले फल और सब्जियां उनकी आर्थिक स्थिति सुधार देंगी। जिसके बाद वे खुद यहां लगे पेड़ों की सुरक्षा के लिए आगे आएंगे जिससे जंगल पहले से ज्यादा हराभरा हो जाएगा। वहीं मुंबई के लोगों को भी ताजे और सस्ते फल, सब्जियों के साथ ज्यादा बेहतर पर्यावरण और ताजी हवा भी मिलेगी।

 

Created On :   2 Aug 2021 7:36 PM IST

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