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आरटीओ में गायब हो रहा है वाहनों का भरा हुआ टैक्स, रसीद होने के बाद भी नहीं मिल रहा ब्योरा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। तेलंगखेड़ी निवासी अरविंद प्रसाद यादव ने लोन लेकर अपनी बहन व भांजी के लिए टीवीएस सुजुकी के शोरूम से दो जूपिटर मोपेड खरीदी थी। इसके लिए बाकायदा उन्होंने आरटीओ टैक्स सहित 1 लाख 23 हजार 580 रुपए चुकाए। एक मोपेड 60 हजार 640 और दूसरी 62 हजार 940 रुपए की पड़ी थी। इसमें क्रमश: 4 हजार 822 और 5 हजार 8 रुपए आरटीओ टैक्स के भी शामिल थे। शोरूम से इस भुगतान का पेपर भी मिला है। इसके बाद अरविंद को दोनों मोपेड के लिए नंबर भी मिल गए थे। अब लोन की किस्त पूरी हो चुकी है। अरविंद ने आरटीओ कार्यालय में संपर्क किया और कागजात से लोन की इंट्री हटाने की गुजारिश की। आरटीओ में जब रजिस्टर खंगाला गया तो अरविंद को ही बकाएदार घोषित कर दिया गया। बताया गया कि दोनों मोपेड का आरटीओ टैक्स जमा ही नहीं किया गया है। यह सुनते ही अरविंद के पैर से जमीन खिसक गई। उन्होंने शोरूम से मिले सारे कागज दिखाए। बावजूद इसके कहा गया कि आपने टैक्स जमा नहीं किया है। उधर, शोरूम से बताया गया कि टैक्स जमा कर दिया गया था। आरटीओ के स्तर से कमी है। फिलहाल चार साल पुराना रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने का हवाला देते हुए शोरूम वालों ने कहा कि िरकॉर्ड मिलेगा तो दे दिया जाएगा। अब अरविंद शोरूम और आरटीअो के बीच चक्करघिन्नी बन गए हैं। उधर, नियमानुसार बिना टैक्स दिए रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं मिलता। सवाल उठता है कि अगर रजिस्ट्रेशन नंबर मिल गया है तो टैक्स भी जमा हुआ होगा। आरटीओ से टैक्स जमा नहीं होने की जानकारी किसी बड़े घोटाले की तरफ इशारा करती है। फिलहाल, आरटीओ से संबंधित अधिकारी इस मामले की जांच की बात कह रहे हैं।
मान लिया जाए कि वाहन स्वामी ने टैक्स अदा नहीं किया था। ऐसे में आरटीओ के स्तर से खोजबीन होनी चाहिए थी। परंतु ऐसा कुछ हुआ नहीं। सोमवार को आरटीओ में यह मामला चर्चा का विषय बना रहा। आरटीओ के रिकॉर्ड में आखिर टैक्स जमा होने की जानकारी क्यों नहीं है। गलती कहां हुई है। अगर टैक्स जमा नहीं हुआ तो रजिस्ट्रेशन नंबर जारी कैसे हो गया। इस तरह के कई सवाल हैं, जिसकी जांच के बाद ही हकीकत सामने आएगी। उधर, वाहन स्वामी ने तो यहां तक कहा कि पसंदीदा नंबर प्राप्त करने के लिए आरटीओ में अतिरिक्त 4 हजार रुपए का भी भुगतान किया था। इसकी रसीद भी है।
कोई सुनवाई नहीं हो रही
अरविंद प्रसाद यादव, पीड़ित के मुताबिक आरटीओ के रामटेके नामक अधिकारी का कहना है कि वाहन कर भरा ही नहीं गया है। सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारी मार्तंड नेवस्कर ने समस्या लिखित रूप में देने को कहा है। लिखित शिकायत करने पर उन्होंने रिमार्क लिखकर वापस उसी बाबू के पास भेज दिया। इस बाबू का दोबारा यही कहना है कि रिकॉर्ड में टैक्स नहीं भरा दिखाया जा रहा है, इसलिए वह कुछ नहीं कर सकते।
जांच के बाद ही किसी तरह का निर्णय लेने की स्थिति में होंगे
मार्तंड नेवस्कर, सहायक प्रादेशिक परिवहन, अधिकारी ने कहा कि यह संभव नहीं है कि टैक्स अदा किए बगैर प्रादेशिक परिवहन कार्यालय द्वारा किसी वाहन का क्रमांक जारी कर दिया जाए। हमारे रिकॉर्ड के मुताबिक इन वाहनों का टैक्स अदा नहीं किया गया है। पूरे मामले की जांच के बाद ही किसी प्रकार का निर्णय लिया जा सकेगा। फिलहाल हम मामले की जांच कर रहे हैं।
Created On :   8 Sept 2020 3:17 PM IST