सीएए पर गडकरी बोले, किसी की नागरिकता छीनने नहीं बना कानून, सिंधी समाज ने किया सत्कार

Gadkari said on CAA, no law made to remove any one of citizenship
सीएए पर गडकरी बोले, किसी की नागरिकता छीनने नहीं बना कानून, सिंधी समाज ने किया सत्कार
सीएए पर गडकरी बोले, किसी की नागरिकता छीनने नहीं बना कानून, सिंधी समाज ने किया सत्कार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय सड़क परिवहन व लघु सूक्ष्म उद्योग मामलों के मंत्री नितीन गडकरी ने कहा है कि देश में किसी की नागरिकता पर संकट नहीं है। सीएए अर्थात नागरिकता संशोधन अधिनियम संविधान के अनुरुप ही है। नागरिकता देने के लिए यह अधिनियम बना है। किसी की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी। भारतीय सिंधु सभा ने सीएए को लेकर अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया । जरीपटका स्थित वसणशाह चौक में कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गडकरी का अभिनंदन किया गया। इसी मौके पर वे बोल रहे थे। गडकरी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आए हिंदू, सिख्ख, जैन व बौद्ध धर्म के 31 दिसंबर 2014 तक देश में आए नागरिकों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर संघचालक राजेश लोया, भाजपा के शहर अध्यक्ष प्रवीण दटके, महापौर संदीप जोशी,विधायक कृष्ष्णा खोपडे, विकास कुंभारे, विधानपरिषद सदस्य अनिल सोले, भारतीय सिंधु सभा के उपाध्यक्ष घनश्याम कुकरेजा, भोजराज डुम्बे,महेंद्र धनविजय,प्रमिला माथरानी, वंदना खुशलानी, किशन रामनानी, गुरमुख ममतानी मंच पर थे।

कुकरेजा की सराहना

गडकरी ने मनपा के पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष वीरेंद्र कुकरेजा की सराहना की। नागपुर में बसे पाकिस्तान के सिंधी नागरिकों को नागरिकता दिलाने का अनुरोध उन्होंने किया था। गडकरी ने कहा कि कुकरेजा को साथ लेकर उन्होंने तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथसिंह से मिलकर सिंधी समाज के नागरिकों को नागरिकता देने का निवेदन किया था। वीरेंद्र कुकरेजा ने भी गडकरी का आभार माना।

सिंधु सोशल फोरम,विदर्भ सिंधी विकास परिषद, सिंधु युवा फोर्स,सिंधु लायन्स क्लब,चंदूराम मुक्तिधाम,चांदूराम दरबार,बाबा भगवान दास उदासी दरबार,कलगीधर सत्संग मंडल,डी पी ग्रुप,अशोक केवलरामाणी ,अशोक माखीजानी,अर्जुन गंगवानी,अमर माथानी,राजेश धनवानी,ठाकुर केवलरामाणी, विंकी रुघवानी,गोपाल खेमानी,राजेश बटवानी उपस्थित थे। 

सिंधी समाज के लोगों को नागरिकता के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। विभाजन के बाद सिंध प्रांत के कई नागरिकों को नागपुर में शरण दी गई थी। नागपुर में जरीपटका, क्वेटा कालोनी, खामला में सिंधी समाज के ही नागरिक अधिक रहते हैँ। उनके रिश्तेदार सिंध प्रांत के अलावा पाकिस्तान के अन्य क्षेत्रों में हैं। वे वहां की प्रताड़ना से तंग आकर नागपुर में 15 से 20 साल से रह रहे हैं। लेकिन उन्हें नागरिकता देने को लेकर परेशानी रही है। आरोप लगता रहा है कि पूलिस उनसे अवैध वसूलियां करती रही है। 

 

Created On :   23 Dec 2019 3:19 PM GMT

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