गडकरी ने कहा- विदर्भ को प्रतिदिन मिलेंगे 30 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन, आत्मविश्वास से जीतेंगे लड़ाई

Gadkari said - Vidarbha will get 30 thousand Remedesivir injections every day
गडकरी ने कहा- विदर्भ को प्रतिदिन मिलेंगे 30 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन, आत्मविश्वास से जीतेंगे लड़ाई
गडकरी ने कहा- विदर्भ को प्रतिदिन मिलेंगे 30 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन, आत्मविश्वास से जीतेंगे लड़ाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोविड प्रभावित मरीजों के उपचार के लिए विदर्भ में ही रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार किए जाएंगे। वर्धा के जेनेटेक लाइफ साइंसेस को 30 हजार इंजेक्शन प्रतिदिन तैयार करने की अनुमति मिल गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी के प्रयासों से यह प्रक्रिया तेज हुई है। रेमडेसिविर तैयार करने वाली गिलेड कंपनी ने 7 कंपनियांे को यह इंजेक्शन तैयार करने की अनुमति दी है। उनमें से एक कंपनी लोन लाइलंस जेनेटेक लाइफ साइंस द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार किया जाएगा। सप्ताह भर में इसका उत्पादन शुरू होगा। पंद्रह दिन में विदर्भ में प्रतिदिन 30 हजार इंजेक्शन उपलब्ध होने लगेंगे।

विवाद न होने दें, आत्मविश्वास से कोविड पर जीत हासिल करेंगे

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी व महापौर दयाशंकर तिवारी ने कोरोना को लेकर नागरिकों से संयम रखने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि इस संकट पर आत्मविश्वास के साथ मात कर सकते हैं। संकट की स्थिति में चिकित्सकों पर मानसिक बोझ बढ़ना स्वाभाविक है। मरीज व उनके परिजन को भी विविध अड़चनें परेशान कर सकती हैं, लेकिन कोई भी विवाद न होने दें। शनिवार को ऑनलाइन संवाद में दोनों नेता बोल रहे थे। विधानपरिषद सदस्य प्रवीण दटके उपस्थित थे। गडकरी ने कहा कि जिला परिषद, महानगरपालिका के अधिकारी पदाधिकारी, पालकमंत्री, विधायक सहयोग के लिए प्रयास कर रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही हैं। नर्सिंग स्टाफ, डाक्टर व दवाइयां नहीं हैं, लेकिन इन अड़चनों काे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। 5 हजार वेंटिलेटर दान स्वरूप शहर में उपलब्ध होनेवाले हैं। लिक्विड आॅक्सीजन के लिए 10 हजार उपकरण लाए जाएंगे। शहर में 1200 बेड बढ़ाए गए हैं। रिटायर्ड चिकित्सक, विद्यार्थी, पैरा मेडिकल क्षेत्र के लोगों से आह्वान है कि वे कोविड मरीजों की सेवा के लिए मनपा से संपर्क करें। उन्हें उचित विद्यावेतन दिया जाएगा। 6 करोड़ का दान वेंटिलेटर  व लिक्विड आॅक्सीजन के लिए मिला है। उपकरण कंपनी के नाम से लोग दान करें। लायड स्टील ने 5 करोड़, अंकुश सिड्स 50 लाख, प्यारेखान 50 लाख व मानसने  ने 50 लाख का दान दिया है। नितीन खारा 1000 खाली गैस सिलेंडर दे रहे हैं।  कोविड जांच के लिए दो बड़ी मोबाइल प्रयाेगशाला एक-दो दिन में नागपुर पहुंचेगी। इससे प्रतिदिन 3 हजार मरीजों की जांच होगी। महापौर बोले, लिखित शिकायत करें :महापौर दयाशंकर तिवारी ने कहा कि निजी अस्पतालों में मरीजों से बेहिसाब शुल्क वसूली की खबरें मिल रही हैं। इस संबंध में पीड़ित व्यक्ति या परिवार लिखित तौर पर मनपा से शिकायत करें। संबंधित अस्पताल पर कार्रवाई की जाएगी। शहर में सभी अस्पतालों को मनपा से ही पंजीयन दिया गया है। मनपा को कार्रवाई करने का अधिकार है। 

दंदे अस्पताल को 5 वेंटिलेटर मिले

दंदे अस्पताल को 5 वेंटिलेटर दिया गया है। अस्पताल के संचालक डॉ.पिनाक दंदे ने गडकरी से उनके निवास पर भेंट प्राप्त की। 

मेयो-मेडिकल में बढ़ाए गए 420 बेड

पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत ने मेडिकल और मेयो में 420 बढ़ाए हैं। इसमें से मेडिकल में 300 बेड और मेयो में 120 बेड शामिल हैं। बेड बढ़ने से मेडिकल की 900 बेड क्षमता हो गई है। इसमें से 300 बेड आईसीयू के लिए है। मेयो में कुल 580 बेड हो गए है। इसमें 136 बेड आईसीयू के लिए और 122 बेड वेंटिलेटर सहित है। इस बीच पालकमंत्री ने कोविड जांच के नतीजे जल्द मिले, इसके लिए वैद्यकीय शिक्षण मंत्री अमित देशमुख से क्रीस्पर फेलुदा की चार मशीन उपलब्ध कराने की मांग की है। हनुमाननगर परिसर के ईएसआईसी हॉस्पिटल का निरीक्षण कर वहां 140 कोविड बेड की व्यवस्था करने के लिए हॉस्पिटल को तत्काल अधिग्रहित करने के भी निर्देश दिए। अगले दो दिन में इसे शुरू करने के भी आदेश दिए। 

1356 से बढ़कर 1792 हुए बेड, ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर भी बढ़ाए गए

जिले (ग्रामीण) में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा कोविड बेड की व्यवस्था करने में लगा है। गत वर्ष जहां 1356 बेड थे, वहीं अब 1792 बेड की व्यवस्था करते हुए 436 बेड बढ़ाए गए। पालकमंत्री डाॅ. नितीन राऊत की सूचना पर जिलाधीश व जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेश कुंभेजकर ज्यादा से ज्यादा कोविड बेड की व्यवस्था रहे हैं। निजी व ट्रस्ट के अस्पतालों के अलावा शासकीय व जिला परिषद के अस्पतालों में भी लगातार बेड़ बढ़ाए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के 31 अस्पतालों में 203 सामान्य बेड, 1247 ऑक्सीजन बेड व 88 वेंटिलेटर बेड उपलब्ध हैं। कोविड केयर सेंटर में 513 बेड उपलब्ध हैं। जम्बो कोविड सेंटर के लिए जगह तलाशी जा रही है। जिलाधीश रवींद्र ठाकरे ने शनिवार को जिला शल्य चिकित्सक डॉ. देवेंद्र पातुरकर व मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेश कुंभेजकर के साथ बैठक लेकर ग्रामीण में कोविड बेड प्रबंधन व नियोजन पर चर्चा की। ग्रामीण क्षेत्र के कोविड रोगियों के लिए करीब 500 ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर मशीन लेकर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए उत्पादकांे से अंतिम चरण की चर्चा जारी है। ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण बढ़ने से मरीजों को उपचार के लिए शहर में आना पड़ रहा है। ऐसे में कई बार शहर पहुंचने व उपचार में विलंब हो जाने से कई मरीज दम तोड़ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था में कोई भी सुधार नहीं किया गया। इसे लेकर जिला परिषद सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने पदाधिकारी और अधिकारियों पर नाराजगी जताई। सदस्यों के नाराजगी जताने पर प्रशासन हरकत में आ गया। दो सप्ताह में बेड 1356 से बढ़ाकर 1792 किए गए। ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर भी बढ़ाए गए। पहले 233 आईसीयू बेड थे। उसे बढ़ाकर 342 और वेंटिलेटर 60 से बढ़ाकर 88 किए गए हैं। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य की रीढ़ कहे जाने वाले 49 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 159 उपकेंद्र हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सिर्फ ऑक्सीजन की सुविधा है। एक भी केंद्र में वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं है। वहीं उपकेंद्र में प्राथमिक उपचार के अलावा कोई सुविधा नहीं है।

13 की जगह 31 अस्पताल

ग्रामीण क्षेत्र में पहले सिर्फ 13 अस्पताल थे। कोविड मरीजों को अस्पताल कम पड़ने से 18 नए अस्पताल बढ़ाकर कुल 31 किए गए हैं। नए अस्पताल में बेड बढ़ने से पहले के मुकाबले ग्रामीण में डेढ़ गुना बेड उपलब्ध हो गए हैं।

चपेट में आए 76 हजार ग्रामीण

जिले में कोरोना संक्रमण के दस्तक के बाद सालभर में संक्रमितों का आंकड़ा 3 लाख के पार चला गया। ग्रामीण क्षेत्र की बात करे तो 76 हजार 766 लोगों को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया। 6 हजार से अधिक लोगों को जान गंवानी पड़ी।

कोविड मरीजों की संख्या को देखते हुए स्पाइस हेल्थ कंपनी की ओर से शहर में 125 वेंटिलेटर उपलब्ध कराए जाएंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने कंपनी के संचालक अवनीसिंह से फोन पर चर्चा की। जिसके बाद कंपनी की ओर से वेंटिलेटर भेजे जा रहे हैं। गडकरी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार नागपुर के अस्पतालों में आॅक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने का भी प्रयास किया जा रहा है। गडकरी ने सीएसआर फंड से शनिवार को विशाखापट्टनम के एएमटीजेड से 2 हजार आॅक्सीजन कांस्ट्रेटर मंगवाए हैं। सज्जन जिंदल ने 20 टन आॅक्सीजन वहन क्षमता के दो टैंकर्स नागपुर को देने को कहा है। टैंकर्स से भिलाई स्टील प्लांट से प्रतिदिन 40 टन ऑक्सीजन नागपुर को मिलेगा। मुंबई डाल्बी प्लांट के नितीन खारा ने 1 हजार खाली ऑक्सीजन सिलेंडर देने की जानकारी दी गई।
 

Created On :   18 April 2021 12:15 PM GMT

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