खुले में सेनेटरी पैड का कचरा, नागरिकों के स्वास्थ्य से छलावा

Garbage of sanitary pads in the open, cheating on the health of citizens
खुले में सेनेटरी पैड का कचरा, नागरिकों के स्वास्थ्य से छलावा
कहां है लाल बॉक्स खुले में सेनेटरी पैड का कचरा, नागरिकों के स्वास्थ्य से छलावा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हर महीने शहर में करीब 400 टन कचरा तैयार हो रहा है, लेकिन आज भी अधिकांश महिलाएं कचरा संकलन करने वालों को सेनेटरी पैड देने से झिझक रही है। मनपा द्वारा सूखे और गीले कचरे को अलग देने की व्यवस्था की गई और इसकी जन जागरूकता भी की गई, लेकिन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से घातक इस्तेमाल किए हुए पैड खुले में पड़े रहने से होने वाले नुकसानों के प्रति जनजागरूकता नहीं होने के चलते खुले मैदानों, नदियों, नालों में सेनेटरी पैड देखे जा सकते हैं।

वाहवाही में प्रथम मनपा : नागरिकों की समस्याओं पर सोशल मीडिया पर मनपा द्वारा जागरूकता की जाती है, लेकिन लोगों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह इस विषय पर कोई जन जागरूकता नहीं की गई है। शहर में कचरा संकलन करने वाली एजी एन्व्हायरो के कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया की महिलाओं में पैड को कैसे डिस्पोज करना है इसकी जानकारी नहीं है जिस वजह से खुले उद्यानों और रास्तों पर पैड पड़े रहते हैं। मनपा दावा करती है कि गीले और सूखे कचरे की तरह सेनेटरी पैड के लिए अलग से बॉक्स कचरा गाड़ी में लाल रंग का होता है, लेकिन हकीकत देखने में कुछ और ही पता चलती है। न गाड़ियों में वह बॉक्स है और न ही कचरा उठाने वालों में इसके प्रति जागरूकता।

शहर में सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करने वाली 13 से 45 साल की महिलाओं की संख्या करीब 10 लाख हैं। एक महिला को महीने में 8 पैड की जरूरत होती है। इसलिए शहर में हर महीने औसतन 80 लाख पैड का इस्तेमाल होता है। उपयोग से पहले पैड का वजन 25 ग्राम होता है और उपयोग के बाद 50 ग्राम। नतीजतन, प्रतिमाह 400 टन सेनेटरी पैड कचरा पैदा हो रहा है। हर सेनेटरी पैड में भी प्लाॅस्टिक का इस्तेमाल होता है।प्लाॅस्टिक को गलाने में सैकड़ों साल लग जाते हैं। चूंकि इस्तेमाल किए गए पैड में अशुद्ध रक्त होता है और उनमें बैक्टीरिया बनते हैं, ऐसे में खुलेसेनेटरी पैड से नागरिकों के स्वास्थ्य पर हमला होने की तस्वीर सामने आ रही है।

डॉ गजेंद्र महल्ले, कचरा व्यवस्थापन निदेशक व उपायुक्त, मनपा के मुताबिक कचरा उठाने वाली सभी गाड़ियों में लाल बॉक्स है। फिर भी अगर खुले में इसका कचरा मिलता है तो दुर्भाग्य की बात है। इस विषय पर संज्ञान लिया जाएगा। लोगों में लाल बॉक्स के प्रति जागरूकता लाने के लिए जनजागृति की जाएगी। 

 

Created On :   17 April 2023 5:07 PM IST

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