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ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण के साथ ही कराएँ एमबीबीएस काउंसलिंग
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश के तहत ओबीसी को 27 की जगह 14 फीसदी आरक्षण देने के साथ ही दिसंबर में होने वाली एमबीबीएस काउंसलिंग कराने कहा है। कोर्ट ने कहा है िक प्रवेश प्रक्रिया याचिका के अंतिम फैसले से बाध्य होगी।
दरअसल, राज्य सरकार ने 5 अक्टूबर को मध्यप्रदेश मेडिकल एजुकेशन एन्ट्रेन्स रूल्स, 2018 में संशोधन कर ओबीसी को 14 की जगह 27 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान कर दिया है। इस संशोधन की वैधानिकता को चुनौती हाईकोर्ट में दी गई। प्रारंभिक सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रवि मलिमठ एवं जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ ने मेडिकल एजुकेशन विभाग के प्रमुख सचिव और डायरेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा िक पूर्व में भी ऐसे मामलों में ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण देने के आदेश दिए गए हैं। अब चूँकि यह मामला एमबीबीएस काउंसलिंग से जुड़ा है, इसलिए अंतरिम आदेश के तहत ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण देने कहा गया है।
नीट परीक्षा उत्तीर्ण हुए छात्र शुभम पांडे ने मेडिकल प्रवेश नियम में हुए संशोधन को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने कोर्ट को बताया िक 5 अक्टूबर के पहले तक इस नियम में ओबीसी को केवल 14 प्रतिशत आरक्षण ही देने का प्रावधान था। उन्होंने बताया िक अचानक प्रमुख सचिव ने 5 अक्टूबर को नियम में संशोधन कर ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान कर दिया।
कोर्ट को बताया गया िक ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने से कुल आरक्षण 63 प्रतिशत हो जाएगा। इसके अलावा ईडब्ल्यूएस को भी 10 प्रतिशत आरक्षण से कुल प्रतिशत 73 फीसदी हो जाएगा, जो कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का खुला उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं िक किसी भी स्थिति में कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
Created On :   24 Nov 2021 11:42 PM IST